प्रस्तुत लेख के अंतर्गत द्वारा विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव अध्याय का अध्ययन किया गया है। यह कक्षा 10 विज्ञान का अध्याय 12 है। इस पाठ में कई महत्वपूर्ण प्रश्न आते हैं जो वार्षिक परीक्षा में पूछे जाते हैं।
विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
वह पदार्थ जो लौह तथा लौह युक्त वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है चुंबक कहलाता है।
प्रत्येक चुंबक के दो ध्रुव — उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव होते हैं। सामान ध्रुव एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं जबकि असमान ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते हैं।
चुंबकीय क्षेत्र
किसी चुंबकीय चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें चुंबकीय बल का अनुभव किया जाता है। चुंबकीय क्षेत्र कहलाता है।
जैसे – पृथ्वी के प्रत्येक स्थान पर पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र होता है। ठीक इसी प्रकार किसी धारावाही चालक के आस-पास विद्युत धारा का चुंबकीय क्षेत्र होता है।
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चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुण
- चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक बंद वक्र बनती हैं।
- प्रबल चुंबकीय क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं अपेक्षाकृत निकट-निकट होती हैं।
- दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं कहीं भी एक दूसरे को प्रतिच्छेद (काटती) नहीं है। क्योंकि यदि क्षेत्र रेखाएं जिस बिंदु पर प्रतिच्छेद करती हैं। तो उस बिंदु पर क्षेत्र रेखाओं की दो दिशाएं होगी जो लगभग असंभव है।
- जहां चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं पास-पास होती हैं। वहां चुंबकीय क्षेत्र प्रबल होता है। एवं जहां चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं दूर-दूर होती हैं वहां चुंबकीय क्षेत्र दुर्बल होता है।
दायें हाथ के अंगूठे का नियम
यदि आप अपने दायें हाथ में विद्युत धारावाही चालक को इस प्रकार पकड़ें कि आपका अंगूठा विद्युत धारा की दिशा की ओर संकेत करें। तो आपकी अंगुलियां चालक के चारों ओर के चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को बतायेंगी। चित्र से स्पष्ट है।
Note – NCERT Book में “दायें हाथ के अंगूठे के नियम” को “दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम” नाम से प्रदर्शित किया गया है।
चुंबकीय क्षेत्र में धारावाही चालक पर बाल
चालक में प्रवाहित विद्युत धारा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। आंद्रे मेरी एम्पियर ने प्रस्तुत किया कि चुंबक भी किसी विद्युत धारावाही चालक पर परिमाण के समान तथा विपरीत दिशा में बल आरोपित करती है। धारावाही चालक में विस्थापन उस समय अधिकतम होता है। जब विद्युत धारा की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के लंबवत् होती है।
फ्लेमिंग का बायें हाथ (वाम हस्त) नियम
यदि आप अपने बायें हाथ के अंगूठे और उसके पास की दोनों अंगुलियों (तर्जनी व मध्यमा) को इस प्रकार फैलाएं कि यह तीनों एक दूसरे से परस्पर लंबवत् रहें। तब यदि तर्जनी अंगुली चुंबकीय क्षेत्र की दिशा और मध्यमा अंगुली चालक में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा को बताती है। तो अंगूठा चालक पर आरोपित बल की दिशा बतायेगा। चित्र द्वारा स्पष्ट है।
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class 10 science chapter 12 notes in Hindi PDF
कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 12 एक महत्वपूर्ण पाठ है। इस अध्याय के विभिन्न महत्वपूर्ण टॉपिक पर अलग से लेख तैयार किए गए हैं। जिनका लिंक अध्याय में प्रस्तुत किया गया है। वहां से आप उन टॉपिक के बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं।
आशा है कि विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव नामक अध्याय आपके लिए काफी सहायक रहा होगा। इस पाठ में ओर भी महत्वपूर्ण टॉपिक है। जिन्हें इस लेख के अंतर्गत कवर नहीं किया गया है। इसलिए आप ओर टॉपिक के लिए अपनी पाठ्य पुस्तक को पढ़ें।