विद्युत रासायनिक सेल : गैल्वनी तथा विद्युत अपघटनी सेल

विद्युत रासायनिक सेल

वह युक्ति जिसके द्वारा रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है उस युक्ति को विद्युत रासायनिक सेल (electrochemical cell in Hindi) कहते हैं।
इसमें एक दूसरे से जुड़े हुए दो इलेक्ट्रोड भिन्न-भिन्न विद्युत अपघट्यों के विलयनों में रखे होते हैं।

विद्युत रासायनिक सेल के प्रकार

विद्युत रासायनिक सेल दो प्रकार के होते हैं-
1. विद्युत अपघटनी सेल
2. गैल्वनी सेल

विद्युत रासायनिक सेल
विद्युत रासायनिक सेल

1. विद्युत अपघटनी सेल

वह सेल जो बाह्य स्त्रोत से विद्युत ऊर्जा लेकर उस ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदल देता है विद्युत अपघटनी सेल (electrolytic cell in Hindi) कहलाते हैं। अर्थात्
वह सेल जिसमें बाह्य स्त्रोत से विद्युत ऊर्जा देने पर कोई रसायनिक अभिक्रिया होती है उस सेल को विद्युत अपघटनी सेल कहते हैं।

विद्युत अपघटनी सेल का एनोड धनात्मक तथा कैथोड ऋणात्मक होता है। चूंकि इसका एनोड सिरा बैटरी के धन सिरे से तथा कैथोड, बैटरी के ऋण सिरे से जुड़ा होता है। किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर सेल के एनोड ध्रुव पर ऑक्सीकरण तथा कैथोड पर अपचयन होता है।
Zn2+ (aq) + 2e \footnotesize \begin{array}{rcl} Zn\,(s) \\ अपचयन \end{array}
2Cl (aq) → \footnotesize \begin{array}{rcl} Cl_2 (g) \\ ऑक्सीकरण \end{array} + 2e

विद्युत अपघटनी सेल
विद्युत अपघटनी सेल

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2. गैल्वनी सेल या वोल्टीय सेल

वह सेल जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित कर देते हैं उसे गैल्वनी सेल या वोल्टीय सेल कहते हैं। गैल्वनी सेल में दो इलेक्ट्रॉडों को किसी धातु के तार द्वारा जोड़ने पर एक इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण क्रिया और दूसरे इलेक्ट्रोड पर अपचयन क्रिया होती है। एवं इन दोनों क्रियाओं के फलस्वरुप विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है। गैल्वनी सेल के दो इलेक्ट्रोड को अर्ध सेल कहते हैं।

गैल्वनी सेल की विशेषताएं

  • इस सेल के जिस इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण क्रिया होती है उसे एनोड कहते हैं।
  • इसके जिस इलेक्ट्रोड पर अपचयन क्रिया होती है उसे कैथोड कहते हैं।
  • इस सेल में दो भिन्न प्रकार के इलेक्ट्रोड होते हैं जिन्हें अर्ध सेल कहते हैं।

विद्युत अपघटनी सेल तथा गैल्वनी सेल में अंतर

क्रमांकविद्युत अपघटनी सेलगैल्वनी सेल
1इस सेल में एनोड धन ध्रुव होता है।इस सेल में एनोड ऋण ध्रुव होता है।
2इसमें कैथोड ऋण ध्रुव होता है।इसमें कैथोड धन ध्रुव होता है।
3इसमें रेडॉक्स अभिक्रिया विद्युत धारा के प्रवाहित करने पर होती है।इसमें रेडॉक्स अभिक्रिया स्वतः ही संपन्न हो जाती है।
4इसमें विद्युत ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरण होता है।इसमें रासायनिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण होता है।
5इस सेल में लवण सेतु की आवश्यकता नहीं होती है।इस सेल में लवण सेतु की आवश्यकता होती है।

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विद्युत रासायनिक सेल संबंधित प्रश्न उत्तर

Q1. विद्युत रासायनिक सेल कितने प्रकार के होते हैं?

Ans. विद्युत रासायनिक सेल दो प्रकार के होते हैं। विद्युत अपघटनी सेल तथा गैल्वनी सेल

Q2. किस सेल में लवण सेतु की आवश्यकता होती है?

Ans. गैल्वनी सेल

Q.3 विद्युत रासायनिक सेल की परिभाषा दीजिए?

Ans. वह सेल जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं उन्हें विद्युत रासायनिक सेल कहा जाता है।

Q.3 गैल्वनिक सेल की विशेषताएं बताइए?

Ans. गैल्वनिक सेल में एक इलेक्ट्रॉन पर ऑक्सीकरण क्रिया तथा दूसरे इलेक्ट्रोड पर अपचयन क्रिया होती है। इस सेल के जिस इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण क्रिया होती है उसे एनोड रहती हैं तथा सेल के जी इलेक्ट्रॉन पर अपचयन क्रिया होती है उसे कैथोड कहते हैं।

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