चुंबकीय बल रेखाएं | magnetic field lines in hindi, प्रकृति, क्षेत्र रेखाएं

चुंबकीय बल रेखाएं

जब हम किसी चुंबक के समीप कोई चुंबकीय सुई लाते हैं। तो चुंबकीय सुई घूमकर एक निश्चित दिशा में ठहरती है। यदि हम चुंबक को घुमाकर उसकी दिशा बदल दें, तो चुंबकीय सुई की दिशा बदल जाएगी।
इससे यह स्पष्ट होता है। कि चुंबकीय सुई (या कम्पास सुई) के चलने का पथ एक वक्र रेखा है। जो चुंबक के उत्तरी ध्रुव से प्रारंभ होकर दक्षिण ध्रुव पर नष्ट (समाप्त) हो जाता है। ये वक्र रेखाएं ही चुंबकीय बल रेखाएं कहलाती है।

किसी चुंबक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें किसी चुंबकीय बल का अनुभव किया जाए। चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र होता है।

चुंबकीय बल रेखाएं
चुंबकीय बल रेखाएं

चुंबकीय बल रेखाएं सदैव चुंबक के उत्तरी ध्रुव से निकलकर वक्र बनाती हुई चुंबक के दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश करती है। और पुन: चुंबक के अंदर से होती हुई वापस उत्तरी ध्रुव पर लौट आती है। अतः चुंबकीय बल रेखाएं बन्द वक्र बनाती है।

चुंबकीय बल रेखाएं कभी एक-दूसरे को नहीं काटती है। यदि बल रेखाएं एक-दूसरे को आपस में काटती है। तो जिस बिंदु पर काटा गया है। उस बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दो दिशाएं होंगी। यह लगभग असंभव है।

चुंबक के ध्रुव (उत्तर या दक्षिणी) के निकट चुंबकीय बल रेखाएं पास-पास होती है। जिसके कारण ध्रुवों पर चुंबकीय क्षेत्र प्रबल होता है। एवं ध्रुवों से जितनी दूर जाते हैं। चुंबकीय क्षेत्र दुर्बल होता जाता है। अर्थात् चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता घटती जाती है। क्योंकि ध्रुवों से दूर जाने पर चुंबकीय बल रेखाएं दूर-दूर हो जाती है।

एक समान चुंबकीय क्षेत्र

चुंबक के ध्रुव से दूर जाने पर एक ऐसा स्थान आता है। जहां पर चुंबकीय बल रेखाएं एक-दूसरे के समांतर व समान दूरी पर स्थित होती है। अतः चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा व परिमाण एक ही होती है। इस प्रकार के क्षेत्र को एक समान चुंबकीय क्षेत्र कहते हैं।

चुंबकीय बल रेखाओं के गुण

  1. चुंबकीय बल रेखाएं एक बन्द वक्र बनती है। क्योंकि यह चुंबक के उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिणी ध्रुव में होते हुए उत्तरी ध्रुव पर वापस लौट आती है। जैसा चित्र में दर्शाया गया है।
  2. चुंबकीय बल रेखाएं कभी भी एक दूसरे को काटती नहीं है।
  3. जहां चुंबकीय बल रेखाएं पास-पास होती हैं। वहां चुंबकीय क्षेत्र प्रबल होता है। तथा जहां चुंबकीय बल रेखाएं दूर-दूर होती है। वहां चुंबकीय क्षेत्र दुर्बल होता है।
  4. जिस स्थान पर चुंबकीय बल रेखाएं एक-दूसरी रेखाओं के समांतर व समदूरस्थ (समान दूरी) पर होती है। तो इस प्रकार के क्षेत्र को एकसमान चुंबकीय क्षेत्र कहते हैं।

पढ़ें… 12वीं भौतिकी नोट्स | class 12 physics notes in hindi pdf

चुंबकत्व के लिए गौस का नियम

किसी बन्द पृष्ठ से गुजरने वाला कुल चुंबकीय फ्लस्क सदैव शून्य होता है। अर्थात्
\footnotesize \boxed { Φ_B = \oint \overrightarrow{B} • \overrightarrow{dA} = 0 }


शेयर करें…

5 thoughts on “चुंबकीय बल रेखाएं | magnetic field lines in hindi, प्रकृति, क्षेत्र रेखाएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *