अभिक्रिया की आण्विकता
किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों के अणुओं की संख्या को अभिक्रिया की आण्विकता (molecularity of reaction in Hindi) कहते हैं।
आण्विकता के आधार पर अगर अभिक्रिया में भाग लेने वाले अणुओं की संख्या 1 , 2 तथा 3 है तो इन्हें क्रमशः एक-अणुक अभिक्रिया, द्वि-अणुक अभिक्रिया तथा त्रि-अणुक अभिक्रिया कहते हैं।
आण्विकता के उदाहरण
- H2O2 \longrightarrow H2O + ½O2
इस अभिक्रिया में ऑक्सीजन का केवल एक अणु ही अभिक्रिया में भाग लेता है अतः इस अभिक्रिया की आण्विकता एक है। - 2HI \longrightarrow H2 + I2
इस अभिक्रिया में भाग लेने वाले अणुओं की संख्या 2 है अर्थात् एक अणु हाइड्रोजन H तथा एक अणु आयोडीन I का है जिसके फलस्वरूप अभिक्रिया की आण्विकता दो है इसे द्वि-अणुक अभिक्रिया कहते हैं। - 2NO + O2 \longrightarrow 2NO2
इस अभिक्रिया में तीन अणु भाग लेते हैं अतः इसे त्रि-अणुक अभिक्रिया कहते हैं।
आभासी एक-अणुक अभिक्रिया
वह अभिक्रियाएं जिनकी कोटि एक होती है परंतु उनकी आण्विकता से एक से अधिक होती है तो उन अभिक्रियाओं को आभासी एक-अणुक अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण
CH3COOC2H5 \xrightarrow{H^+} CH3COOH + C2H5OH
इस अभिक्रिया की कोटि एक है जबकि इसकी आण्विकता दो है अर्थात यह एक आभासी एक-अणुक अभिक्रिया है।
अभिक्रिया की कोटि तथा आण्विकता में अंतर
क्रमांक | अभिक्रिया की कोटि | अभिक्रिया की आण्विकता |
1 | किसी अभिक्रिया की कोटि शून्य हो सकती है। | अभिक्रिया की आण्विकता कभी भी शून्य नहीं होती है। |
2 | कोटि को प्रयोगों द्वारा ज्ञात किया जा सकता है। | यह एक सैद्धांतिक धारणा है। |
3 | यह प्राथमिक एवं जटिल अभिक्रियाओं पर लागू होती है। | यह केवल प्राथमिक अभिक्रियाओं पर लागू होती है। |
4 | कोटि का मान ऋणात्मक भी हो सकता है। | आण्विकता का मान धनात्मक एवं पूर्णांक ही होता है ऋणात्मक कभी नहीं होता है। |
5 | कोटि अभिक्रियाओं की क्रियाविधि को स्पष्ट करती है। | आण्विकता से अभिक्रिया की क्रियाविधि को नहीं समझाया जा सकता है। |
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