प्रदूषण पर निबंध, अर्थ, कारण और प्रकार | pollution in Hindi essay

प्रदूषण पर निबंध

आज का मानव औद्योगिकरण में इस तरह फंस गया है कि वह अपने पर्यावरण को शुद्ध नहीं रख पा रहा है। जनसंख्या की तीव्र गति से वृद्धि के कारण भी आज के युग में एक अति गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है जिससे वातावरण दूषित हो रहा है। इस समस्या को ही प्रदूषण pollution in hindi कहते हैं। जो कि मानव तथा जीव जंतुओं के लिए भी किसी न किसी रूप से हानिकारक सिद्ध होता है। प्रदूषण की समस्या किसी एक व्यक्ति, समूह अथवा देश की समस्या नहीं है बल्कि यह संपूर्ण सृष्टि की समस्या है इस कारण ही प्रदूषण का प्रभाव मानव जाति पर ही नहीं सभी जीव जंतुओं पर भी पड़ता है।

Pollution in hindi essay

प्रदूषण पर निबंध, अर्थ, कारण और प्रकार
प्रदूषण पर निबंध

प्रस्तावना

प्रदूषण, आजकल की इतनी बड़ी समस्या बन चुकी है कि मानव शुद्ध वायु, शुद्ध पानी तथा खाद्य पदार्थों को भी शुद्ध नहीं रख पा रहा है। जिस कारण मानव को अनेक गंभीर बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। विषैली गैसों, मल-मूत्र तथा कूड़ा-करकट का पानी मनुष्य के नुकसानदायक है। इससे वातावरण दूषित हो चुका है इस समस्या को ही प्रदूषण कहते हैं।

प्रदूषण के प्रकार

आज के बाद वर्ड में प्रदूषण कई प्रकार से दिखाई देते हैं। all type pollution in hindi language.
(i) वायु प्रदूषण
(ii) जल प्रदूषण
(iii) ध्वनि प्रदूषण
(iv) रेडियोएक्टिव प्रदूषण
(v) रासायनिक प्रदूषण
(vi) मृदा प्रदूषण

वायु प्रदूषण

वायु मानव जीवन के लिए एक प्रमुख स्रोत है। प्रत्येक जीव जंतुओं को स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध वायु की आवश्यकता होती है। लेकिन आजकल वायुमंडल में अनेक प्रकार की विषैली गैसों द्वारा इसका संतुलन बिगड़ रहा है जिसके कारण सर्दियों में अधिक कोहरा आ जाता है। एवं वायु प्रदूषण के कारण दमा, खांसी तथा बच्चों में सांस लेने के साथ खरखराहट उत्पन्न हो जाती है।

जल प्रदूषण

जल ही जीवन है इसके बिना जीवन संभव नहीं है। लेकिन आजकल फैक्ट्रियों, सीवर लाइनों तथा नालो का गंदा पानी जब स्वच्छ नदियों के जल में मिलता है तो यह उस जल को भी प्रदूषित कर देता है इससे नदियों का पानी पीने योग्य नहीं रहता है। और अस्वच्छ पानी पीने से मानव को अनेक रोग हो जाते हैं जैसे – हैजा, पेचिश, टाइफाइड पीलिया तथा पैराटायफाइड आदि, जो की बहुत खतरनाक हो सकते हैं।

ध्वनि प्रदूषण

पर्यावरण प्रदूषण का एक रूप ध्वनि प्रदूषण भी है। जब अनेक प्रकार के वाहनों जैसे- मोटरसाइकिल, कार, बस, हेलीकॉप्टर, जेट विमान आदि तथा लाउडस्पीकर, बाजा, कारखाने में मशीनों की आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है इससे मनुष्य की सुनने की शक्ति पर काफी प्रभाव पड़ता है। अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य में मानसिक विकृति, क्रोध नींदक आना तथा चिड़चिड़ापन उत्पन्न हो जाता है।

प्रदूषण से हानियां

तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या और औद्योगीकरण ने संपूर्ण विश्व में प्रदूषण की समस्या को जन्म दिया है। इस प्रदूषण से आजकल मनुष्य विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों का शिकार हो रहा है। किसी व्यक्ति को कैंसर है तो किसी को बहरापन, कोई अपंग है तो कोई ज्वर से गिरा है। इन सभी खतरनाक बीमारियों का मूल कारण हमारा गंदा वातावरण ही है। इस गंदे वातावरण से हमारे शरीर पर अनेक प्रकार की हानियां होती हैं। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हमें इस वातावरण को साफ सुथरा रखना चाहिए।

प्रदूषण पर नियंत्रण

प्रदूषण मनुष्य के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है इसको रोकने के लिए प्रत्येक मनुष्य और सभी देशों की सरकारों को पूर्ण प्रयास करना आवश्यक है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जो कि आवश्यक करने चाहिए –
• फैक्ट्रियों की चिमनियों में कार्बन युक्त जाली होनी चाहिए।
• वनों को काटने से रोकने के लिए कठोर नियम होने चाहिए।
• CNG व electric वाहनों का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए।
• DJ व अन्य प्रकार के ध्वनि वाले साधनों को धीमी आवाज में सुनना चाहिए।
• ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए।

उपसंहार

उपयुक्त वर्णन प्रदूषण पर निबंध द्वारा स्पष्ट है कि प्रदूषण अपने आप में एक गंभीर समस्या है तथा यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इस समस्या को रोकने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर ऊपर संयुक्त रूप से प्रयास करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को खुद साफ व अपने आस-पास का वातावरण साफ सुथरा रखना चाहिए, खुले में मल-मूत्र नहीं करना चाहिए तथा प्रदूषण को रोकने में अपना योगदान देना चाहिए।


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