एकक कोष्ठिका किसे कहते हैं, आद्य केंद्रीय, फलक तथा अंतः केंद्रीय एकक कोष्ठिका

एकक कोष्ठिका

क्रिस्टल जालक की वह सूक्ष्मतम इकाई जिसके बार-बार दोहराने से संपूर्ण क्रिस्टल का निर्माण होता है। उसे एकक कोष्ठिका (unit cell in Hindi) कहते हैं। इसे इकाई सेल भी कहते हैं।
अथवा जालक बिंदुओं को सीधी समानांतर रेखाओं द्वारा जोड़ने पर क्रिस्टल की आंतरिक संरचना का प्रतिरूप बन जाता है। अतः किसी क्रिस्टल जालक की लघुतम पुनरावृति उस क्रिस्टल की एकक कोष्ठिका कहलाती है।

एकक कोष्ठिका
एकक कोष्ठिका

एकक कोष्ठिका के प्रकार

एकक कोष्ठिका दो प्रकार की होती है-
(1) आद्य एकक कोष्ठिका
(2) केंद्रीय एकक कोष्ठिका

1. आद्य एकक कोष्ठिका

वह एकक कोष्ठिका जिसके अवयवी कण कोष्ठिका के केवल किनारों पर उपस्थित होते हैं। तो उसे आद्य एकक कोष्ठिका (primitive unit cell in Hindi) कहते हैं।

आद्य एकक कोष्ठिका
आद्य एकक कोष्ठिका

2. केंद्रीय एकक कोष्ठिका

वह एकक कोष्ठिका जिसके अवयवी कण कोष्ठिका के किनारों के अतिरिक्त अन्य स्थानों (केंद्र) पर भी उपस्थित होते हैं। तो उसे केंद्रीय एकक कोष्ठिका कहते हैं।

केंद्रीय एकक कोष्ठिका
केंद्रीय एकक कोष्ठिका

केंद्रीय एकक कोष्ठिका तीन प्रकार की होती है-
(i) अंतः केंद्रीय एकक कोष्ठिका
(ii) फलक केंद्रीय एकक कोष्ठिका
(iii) अंत्य केंद्रीय एकक कोष्ठिका

(i) अंतः केंद्रीय एकक कोष्ठिका

वह एकक कोष्ठिका जिसके अवयवी कण (परमाणु, अणु या आयन) कोष्ठिका के किनारों के अतिरिक्त उसके अंत केंद्र पर स्थित हों, तो इस कोष्ठिका को अंतः केंद्रीय एकक कोष्ठिका (body centred unit cell in Hindi) कहते हैं।

अंतः केंद्रीय एकक कोष्ठिका
अंतः केंद्रीय एकक कोष्ठिका

(ii) फलक केंद्रीय एकक कोष्ठिका

वह एकक कोष्ठिका जिसके अवयवी कण (परमाणु, अणु या आयन) कोष्ठिका के किनारों के अतिरिक्त एक अवयवी कण कोष्ठिका के प्रत्येक फलक के केंद्र पर स्थित होता है तो इसे फलक केंद्रीय एकक कोष्ठिका (face centred unit cell in Hindi) कहते हैं।

फलक केंद्रीय एकक कोष्ठिका

(iii) अंत्य केंद्रीय एकक कोष्ठिका

वह एकक कोष्ठिका जिसमें अवयवी कण कोष्ठिका के किनारों के अतिरिक्त किन्ही दो विपरीत फलकों के केंद्र पर स्थित हों, तो इसे अंत्य केंद्रीय एकक कोष्ठिका (end centred unit cell in Hindi) कहते हैं।

अंत्य केंद्रीय एकक कोष्ठिका
अंत्य केंद्रीय एकक कोष्ठिका

क्रिस्टल जालक

किसी क्रिस्टल की नियमित त्रिविमीय संरचना को क्रिस्टलीय जालक कहते हैं।
एक क्रिस्टल जालक में 12 कोर, 6 फलक तथा 18 कोने होते हैं।


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