समास किसे कहते हैं, परिभाषा उदाहरण सहित, भेद, समास विग्रह, samas in Hindi

समास

समास दो शब्दों से बना है – ‘सम’ + ‘आस’
जिसका अर्थ होता है संक्षिप्त कथन। अर्थात समास प्रक्रिया में शब्दों का संक्षिप्तीकरण किया जाता है।

समास की परिभाषा

दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो एक नवीन सार्थक शब्द बनता है। उसे समास (samas in Hindi) कहते हैं।
समास में किसी भी प्रकार का अर्थ परिवर्तन नहीं होता है। तथा समास में संक्षिप्त किए गए शब्द को सामसिक पद या समस्त पद कहते हैं।

समास किसे कहते हैं samas in hindi
समास किसे कहते हैं

समास के उदाहरण

रसोईघर, पिताम्बर, यथाशक्ति, प्रयोगशाला, राजकुमार आदि समास के उदाहरण है।
‘पीले हैं जिसके वस्त्र’ इन शब्दों को मिलाकर एक सामसिक पद ‘पिताम्बर’ बनाया जाता है। तथा
‘रसोई के लिए घर’ इन शब्दों को मिलाकर एक सामसिक पद ‘रसोईघर’ बनाया जाता है।

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समास विग्रह

समास के अर्थबोधक वाक्य को समास विग्रह (samas ka vigrah) कहते हैं। अर्थात समास विग्रह करते समय हटाए गए ‘सर्ग’ पुनः लगा दिये जाते हैं। जैसे –
नीलकमल का समास विग्रह है – नीला है जो कमल।
चौराहा का समास विग्रह है – चार राहों का समूह।

Note – समास की रचना में दो पद होते हैं पहले पद को पूर्व पद तथा दूसरे पद को उत्तर पद कहते हैं।

समास के भेद

सामान्यतः समास के निम्नलिखित छह भेद होते हैं।
1. अव्ययीभाव समास
2. तत्पुरुष समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. द्वन्द समास
6. बहुव्रीहि समास

1. अव्ययीभाव समास

जिस समास में प्रथम पद (पूर्व पद) अव्यय हो एवं उसी के अर्थ की प्रधानता हो, तब उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
पहचान – अव्ययीभाव समास का पहला पद अनु, आ, प्रति, भर, यथा, यावत आदि होते हैं।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण

समस्त पदसमास विग्रह
प्रतिदिनप्रत्येक दिन
यथाशक्तिशक्ति के अनुसार
अनुरूपरूप के योग्य
भरपेटपेट भर के

Note – इन सभी उदाहरणों में वही प्रथम पद है। जो ऊपर पहचान में दिए गए हैं।
प्रत्येक का प्रथम पद – प्रति
यथाशक्ति का प्रथम पद – यथा है।

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2. तत्पुरुष समास

जिस समास का उत्तर पद (दूसरा पद) प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच कारक चिन्ह का लोप होता है। उसे तत्पुरुष समास (tatpurush samas in Hindi) कहते हैं।

तत्पुरुष समास के उदाहरण

राजकुमार → राजा का कुमार
धर्मग्रंथ → धर्म का ग्रंथ
रचनाकार → रचना को करने वाला

तत्पुरुष समास के भेद

(i) कर्म तत्पुरुष – जिस तत्पुरुष समास में को विभक्ति का लोप होता है। उसे कर्म तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण –
शरणागत → शरण को आगत
लोकप्रिय → लोक को प्रिय
यशप्राप्त → यश को प्राप्त

(ii) करण तत्पुरुष – जिस तत्पुरुष समास में से’ , ‘के द्वारा विभक्ति का लोप होता है। उसे करण तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण –
नीतियुक्त → नीति से युक्त
नेत्रहीन → नेत्रों से हीन
सूररचित → सूर द्वारा रचित

(iii) सम्प्रदान तत्पुरुष – जिस तत्पुरुष समास में के लिए विभक्ति का लोप हो, उसे सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण –
पाठशाला → पाठ के लिए शाला
स्नानघर → स्नान के लिए घर
रसोईघर → रसोई के लिए घर

(iv) अपादान तत्पुरुष – जिस तत्पुरुष समास में से (अलग होने के अर्थ में) विभक्ति का लोप हो, उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण –
पदमुक्त → पद से मुक्त
हृदयहीन → हृदय से हीन
अश्वपतित → अश्व से पतित

(v) सम्बन्ध तत्पुरुष – जिस तत्पुरुष समास में ‘का’, ‘की’, के विभक्ति का लोप हो, उसे सम्बन्ध तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण –
राजमाता → राज की माता
गंगाजल → गंगा का जल
पराधीन → पर के अधीन

(vi) अधिकरण तत्पुरुष – जिस तत्पुरुष समास में ‘में’, ‘पर’ विभक्ति का लोप हो, उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण –
पुरूषोत्तम → पुरूषों में उत्तम
पदासीन → पद पर आसीन
गृहप्रवेश → गृह में प्रवेश

3. कर्मधारय समास

जिस समास का पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य होता है। अर्थात् पहला पद, दूसरे पद की विशेषता बताता है। उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
पहचान – कर्मधारय समास का विग्रह करने पर दोनों पदों के बीच में ‘है जो’ , ‘के समान’ आदि शब्द आते हैं।

कर्मधारय समास के उदाहरण

समस्त पदसमास विग्रह
नीलकमलनीला है जो कमल
सत्पुरुषसत् है जो पुरुष
चरण कमलकमल के समान चरण
चंद्रमुखीचंद्र के समान मुख
महादेवमहान है जो देव
परमानंदपरम है जो आनंद

4. द्विगु समास

जिस समास में पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण होता है। उसे द्विगु समास कहते हैं। इसमें समूह या समाहार का ज्ञान होता है।

द्विगु समास के उदाहरण

समस्त पदसमास विग्रह
चौराहाचार राहों का समूह
त्रिकोणतीन कोणों का समाहार
दशावतारदस अवतारों का समूह
नवरात्रिनवरात्रि ओं का समूह
त्रिलोकतीन लोकों का समाहार
सप्ताहसात दिनों का समूह

Note – समाहार या समूह दोनों में से किसी भी शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। इनका अर्थ एक जैसा ही होता है।

5. द्वन्द समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं एवं ‘और’ , ‘या’ शब्दों का लोप होता है। उसे द्वन्द समास कहते हैं।
पहचान – द्वन्द समास में दोनों पदों के बीच में प्रायः योजक चिन्ह (-) का प्रयोग होता है। लेकिन कहीं-कहीं तत्पुरुष समास में भी इसका प्रयोग होता है।

द्वन्द समास के उदाहरण

समस्त पदसमास विग्रह
अन्न-जलअन्न और जल
शुभ-अशुभशुभ और अशुभ
दाल-भातदाल और भात
भला-बुराभला और बुरा
ऊंच-नीचउंच और नीच
भाई-बहनभाई और बहन

Note – कहीं कहीं पर और अथवा या का प्रयोग होता है। जैसे –
भला या बुरा , भला और बुरा
ऊंचा या नीचा , ऊंचा और नीचा
यह दोनों ही ठीक हैं।

6. बहुव्रीहि समास

जिस समास में कोई पद प्रधान नहीं होता है एवं दोनों पद मिलकर किसी अन्य पद का बोध करते हैं। उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।

बहुव्रीहि समास के उदाहरण

समस्त पदसमास विग्रह
लम्बोदरलम्बा है उदर जिसका (गणेश)
नीलकंठनीला है कंठ जिसका (शिव)
महावीरमहान है वीर जो (हनुमान)
पिताम्बरपीत है अंबर जिसका (कृष्ण)
मृत्युंजयमृत्यु को जीतने वाला (शंकर)
चतुर्भुजचार हैं भुजाएं जिसकी (विष्णु)

Note – समास के निर्धारण में विग्रह को आधार बनाया जाता है। विग्रह के आधार पर ही समास में कई भेद हैं जैसे –

1. चतुर्भुज – चार भुजाओं का समूह → द्विगु समास
चार हैं भुजाएं जिसकी (विष्णु) → बहुव्रीहि समास

2. पीताम्बर – पीत है जो अंबर → कर्मधारय समास
पीत हैं अंबर जिसका (कृष्ण) → बहुव्रीहि समास

आप इन दोनों में से किसी भी प्रकार से कर सकते हैं। लेकिन समास विग्रह ठीक होना चाहिए। आप चतुर्भुज को द्विगु और बहुव्रीहि को विग्रह के आधार पर दोनों समास में कर सकते हैं।

Note – यहां StudyNagar द्वारा लगभग सभी समास का अध्ययन कराया गया है। लेकिन यह सभी कक्षाओं के लिए सभी नहीं हैं। प्रतियोगी परीक्षा परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र सभी को पढ़ें।
• class 9 के छात्र – अव्ययीभाव और तत्पुरुष समास पढ़ें।
• class 10 के छात्र – द्वंद, द्विगु, कर्मधारय और बहुव्रीहि समास पढ़ें।
• class 11 के छात्र – अव्ययीभाव, कर्मधारय और बहुव्रीहि समास पढ़ें।
• class 12 के छात्र – अव्ययीभाव, कर्मधारय और बहुव्रीहि समास पढ़ें।

Note – लेकिन आपसे निवेदन है कि एक बार अपनी Board Syllabus से मिलाकर ही पढ़ें।

समास संबंधी प्रश्न उत्तर

Q.1 समास किसे कहते हैं परिभाषा लिखिए?

Ans. दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नवीन सार्थक शब्द का निर्माण होता है। उसे समास कहते हैं।

Q.2 समास कितने प्रकार के होते हैं?

Ans. सामान्यतः समास के निम्नलिखित छह प्रकार होते हैं।
1. अव्ययीभाव समास
2. तत्पुरुष समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. द्वन्द समास
6. बहुव्रीहि समास

Q.3 समास क्या है उदाहरण सहित लिखिए?

Ans. रसोईघर, पिताम्बर, यथाशक्ति, प्रयोगशाला, राजकुमार आदि समास के उदाहरण है।

Q.4 तत्पुरुष समास किसे कहते हैं?

Ans. जिस समास का उत्तर पद प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच कारक चिन्ह का लोप होता है। उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।


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