अलंकार – परिभाषा, उदाहरण, भेद, प्रकार, alankar in Hindi PDF

अलंकार

काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्वों को अलंकार कहते हैं। प्रस्तुत लेख में class 9 से class 12 तक के छात्रों के लिए अलंकार को आसान भाषा में तैयार किया गया है। एवं इसे प्रतियोगी परीक्षार्थी भी पढ़ सकते हैं।

अलंकार की परिभाषा

अलंकार शब्द का अर्थ है आभूषण।
जिस प्रकार आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ जाती है। उसी प्रकार अलंकारों (alankar in Hindi) से काव्य की शोभा बढ़ जाती है।
“किसी बात को इस ढंग से प्रस्तुत करना, कि जिससे शब्द या अर्थ में एक प्रकार का चमत्कार उत्पन्न हो जाए। एवं काव्य का सौंदर्य बढ़ जाए, तब इसे काव्य का अलंकार alankar kise kahate Hain कहते हैं।”

अलंकार की परिभाषा in hindi
अलंकार की परिभाषा

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अलंकार के प्रकार या भेद

अलंकार के दो भेद या प्रकार होते हैं।
1. शब्दालंकार
2. अर्थालंकार

1. शब्दालंकार

जिन अलंकारों के प्रयोग से शब्द सौंदर्य में वृद्धि आ जाती है। उन्हें शब्दालंकार कहते हैं। अनुप्रास, यमक और श्लेष आदि शब्दालंकार हैं।

अनुप्रास अलंकार

जहां एक ही व्यंजन की बार-बार आवृत्ति हो, वहां अनुप्रास अलंकार होता है।

अनुप्रास अलंकार का उदाहरण

कानन कठिन भयंकर भारी।
घोर घाम हिम वारि बयारि।।
स्पष्टीकरण ⇒ प्रस्तुत उदाहरण में क, भ, र, घ, म व्यंजनों की एक से ज्यादा बार आवृत्ति हुई है। अतः अनुप्रास अलंकार है।

Note – अनुप्रास अलंकार के पांच भेद होते हैं।
1. छेकानुप्रास
2. वृत्त्यनुप्रास
3. श्रुत्त्यनुप्रास
4. लाटानुप्रास
5. अन्त्त्यनुप्रास

Note – उदाहरण के बाद स्पष्टीकरण जरूर करना चाहिए। इससे आपको पूरे नंबर मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। एवं अगर प्रशन में स्पष्टीकरण मांगता है। तब तो जरूर ही करना चाहिए।

यमक अलंकार

जहां एक शब्द का एक से अधिक बार प्रयोग हो, किंतु उनका अर्थ प्रत्येक बार भिन्न हो तब वहां यमक अलंकार होता है।

यमक अलंकार का उदाहरण

कनक कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।
या खाये बौराय जग, वा पाये बौराय।।
स्पष्टीकरण ⇒ प्रस्तुत उदाहरण में कनक शब्द की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है। किंतु अर्थ भिन्न-भिन्न हैं। एक कनक का अर्थ है सोना तथा दूसरे कनक का अर्थ है धतूरा

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श्लेष अलंकार

जहां एक शब्द का उपयोग एक ही बार होता है। परंतु उस शब्द के एक से अधिक अर्थ होते हैं। तब वहां श्लेष अलंकार होता है।

श्लेष अलंकार का उदाहरण

जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत की सोय।
बारे उजियारो करै, बढ़ै ॲंधेरा होय।।
स्पष्टीकरण ⇒ यहां 12 और बड़े शब्दों के एक से अधिक अर्थ हैं।
‘बारे’ शब्द का अर्थ है – 1. जलाने पर 2. बचपन में
‘बढ़ै’ शब्द का अर्थ है – 1. बुझाने पर 2. बड़ा होने पर

2. अर्थालंकार

जिन अलंकारों के प्रयोग से अर्थ का सौंदर्य बढ़ जाता है। उन्हें अर्थालंकार कहते हैं।
उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, सन्देह, भ्रांतिमान, प्रतीप, अनन्वय, दृष्टांत तथा अतिशयोक्ति आदि अर्थालंकार हैं।

उपमा अलंकार

जहां किसी एक वस्तु की समानता या तुलना किसी दूसरी वस्तु के समान गुण-धर्म के आधार पर की जाती है। तब वहां उपमा अलंकार होता है।
उपमा अलंकार के चार अंग होते हैं।
1. उपमेय
2. उपमान
3. वाचक शब्द
4. साधारण धर्म

उपमा अलंकार का उदाहरण

‘पीपर पात सरिस मन डोला।’
स्पष्टीकरण ⇒ उपमेय – मन
उपमान – पीपर पात
वाचक शब्द – सरिस
साधारण धर्म – डोला

रूपक अलंकार

जहां उपमेय में उपमान का भेद रहित आरोप किया जाता है। वहां रूपक अलंकार होता है।

रूपक अलंकार का उदाहरण

‘चरण-कमल बंदों हरि राई।’
स्पष्टीकरण ⇒ यहां चरण में कमल का भेद न रखकर एकरूपता बतायी गई है। अतः यहां रूपक अलंकार है।

उत्प्रेक्षा अलंकार

जहां उपमेय में उपमान की संभावना की जाए, वह उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। मनु-मानो, जनु-जानो, मनहुॅं-जनहुॅं आदि इसके वाचक शब्द हैं।

उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण

सोहत ओढ़ै पीतु-पटु, श्याम सलोने गात।
मनौ नीलमनि सैल पर, आपतु परयौ प्रभात।।

स्पष्टीकरण ⇒ यहां श्रीकृष्ण के ‘श्याम शरीर’ में ‘नील-मणि शैल’ की तथा ‘पीत-पट’ में आतप (धूप) की संभावना की गई है। अतः उत्प्रेक्षा अलंकार है।

सन्देह अलंकार

जहां किसी वस्तु में उसी के समान दूसरी वस्तु का सन्देह हो परंतु निश्चित ज्ञान न हो, कि यह वही वस्तु है या अन्य है। तब वहां सन्देह अलंकार होता है।

सन्देह अलंकार का उदाहरण

स्वाति घटा घहराति मुक्ति पानिप सौं पूरी।
किधौं आवति मुक्ति, सुभ्र आभा रूचि रूरी।।
स्पष्टीकरण ⇒ यहां ‘स्वाति घटा’ को देखने के पश्चात यह निश्चित नहीं होता है। कि यह स्वाति घटा ही है। या शुभ्र आभा है। अर्थात् सन्देह होता है। अतः यहां सन्देह अलंकार है।

भ्रान्तिमान अलंकार

जहां अत्यंत समानता के कारण भ्रमवश उपमेय में उपमान का निश्चित ज्ञान हो, वहां भ्रांतिमान अलंकार होता है।
अर्थात् भ्रांतिमान अलंकार में अत्यंत समानता के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु समझ लिया जाता है। और इसी भूल से कार्य भी कर दिया जाता है।

भ्रान्तिमान अलंकार का उदाहरण

पेशी समझ माणिक्य को,
वह विहग देखो ले चला।
स्पष्टीकरण ⇒ यहां अत्यंत समानता के कारण लाल मणि को मांसपेशी समझकर उसे पक्षी उड़ाकर ले गया। भूल के कारण कार्य भी कर दिया गया है। अतः भ्रांतिमान अलंकार है।

प्रतीप अलंकार

प्रतीप का अर्थ होता है। उल्टा या विपरीत।
जहां उपमान को उपमेय बना दिया जाए, तथा उपमेय को उपमान बना दिया जाए। तब वहां प्रतीप अलंकार होता है।

प्रतीप अलंकार का उदाहरण

उतरि नहाये जमुन जल को सरीर सम स्याम।
स्पष्टीकरण ⇒ यहां राम ने उस यमुना जल में स्नान किया है। जो उनके शरीर के समान सांवले रंग का है। अर्थात् उपमेय को उपमान तथा उपमान को उपमेय बना दिया गया है। अतः प्रतीप अलंकार है।

अनन्वय अलंकार

काव्य में जहां उपमान के अभाव में उपमेय को ही उपमान मान लिया जाता है। वहां अनन्वय अलंकार होता है।

अनन्वय अलंकार का उदाहरण

राम से राम सिया सी सिया
सिर मौर बिरंचि बिचारि सॅंवारे।

दृष्टांत अलंकार

जहां उपमेय तथा उपमान के साधारण धर्म में भिन्नता होते हुए भी बिंब-प्रतिबिंब भाव दिखाया जाए। वहां दृष्टांत अलंकार होता है।

दृष्टांत अलंकार का उदाहरण

पापी मनुज भी आज मुख से राम-नाम निकालते।
देखो भयंकर भेड़िए आज भी आंसू ढालते।

अतिशयोक्ति अलंकार

जहां किसी वस्तु की लोक मर्यादा के विरुद्ध, अधिक बढ़ा चढ़ाकर प्रशंसा की जाए। वह अतिशयोक्ति अलंकार होता है।

अतिशयोक्ति अलंकार का उदाहरण

हनुमान की पूॅंछ पर लगन न पाई आग।
लंका सारी जल गई, गये निशाचर भाग।।

Note – यहां पर अलंकार के लगभग सभी भेदों का वर्णन किया गया है। प्रतियोगी परीक्षार्थी सभी को पढ़ें। लेकिन class 9 से class 12 तक के छात्र निम्न प्रकार पढ़ें।
• class 9 के छात्रों को अनुप्रास, यमक और श्लेष अलंकार पढ़ने हैं।
• class 10 के छात्रों को उपमा, रूपक और उत्प्रेक्षा अलंकार पढ़ने हैं।
• class 11 के छात्रों को सभी अलंकार पढ़ने हैं।
• class 12 के छात्रों को भी सभी अलंकार पढ़ने हैं।

Note – लेकिन फिर भी आप से निवेदन की जाती है कि अपने Board Syllabus के हिसाब से ही उन्हीं को पढ़ें।

अलंकार संबंधी प्रश्न उत्तर

Q.1 अलंकार कितने प्रकार के होते हैं?

Ans. अलंकार दो प्रकार के होते हैं शब्दालंकार और अर्थालंकार।

Q.2 उपमा अलंकार की परिभाषा क्या होती है?

Ans. जहां किसी एक वस्तु की समानता या तुलना किसी दूसरी वस्तु के समान गुण-धर्म के आधार पर की जाती है। तब वहां उपमा अलंकार होता है।

Q.3 रूपक अलंकार का उदाहरण क्या है?

Ans. चरण-कमल बंदों हरि राई।


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Gulam Waris

हेलो छात्रों, मेरा नाम गुलाम वारिस है। मैं मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से हूं। 2022 में मैंने B.A. की शिक्षा को पूरा किया। और इसके बाद अब में B.ed. कर रहा हूं। हिन्दी, सामान्य ज्ञान, करंट अफेयर्स पर मुझे अच्छी समझ है। मुझे लिखना और पढ़ाना बहुत पसंद है। इसलिए ही मैं ऑनलाइन studynagar.com वेबसाइट की मदद से आप सभी छात्रों तक अपने ज्ञान को सरल और आसान भाषा में प्रस्तुत कराने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

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