एल्डिहाइड किसे कहते हैं, उपयोग, बनाने की विधि, भौतिक व रासायनिक गुण

एल्डिहाइड

प्राथमिक अल्कोहल के विहाइड्रोजनीकृत उत्पाद को एल्डिहाइड (aldehydes in Hindi) कहते हैं। एल्डिहाइड में कार्बोनिक समूह >C=O उपस्थित होता है।

एल्डिहाइड बनाने की विधि

1. एल्कोहाॅल से – प्राथमिक एल्कोहाॅल के ऑक्सीकरण से एल्डिहाइड का निर्माण होता है।
\scriptsize \begin{array}{rcl} RCH_2OH \\ 1°\,एल्कोहाॅल \end{array} \xrightarrow [K_2Cr_2O_7/H_2SO_4] {[O]} \scriptsize \begin{array}{rcl} RCHO \\ एल्डिहाइड \end{array} + H2O

2. अम्ल क्लोराइड से – अम्ल क्लोराइड को बोरियम सल्फेट युक्त पैलेडियम उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजनीकरण द्वारा एल्डिहाइड प्राप्त होता है। यह अभिक्रिया रोजेनमुंड अभिक्रिया कहलाती है।
\scriptsize \begin{array}{rcl} RCOCl \\ अम्ल\,क्लोराइड \end{array} + H2 \xrightarrow {Pd/BaSO_4} \scriptsize \begin{array}{rcl} RCHO \\ एल्डिहाइड \end{array} + HCl

3. गाटरमन कोख अभिक्रिया से – इसमें बेंजीन की निर्जल AlCl3 या CuCl की उपस्थिति में कार्बन मोनो ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन क्लोराइड के साथ अभिक्रिया कराने पर बैन्जेल्डिहाइड प्राप्त होती है इस अभिक्रिया को गाटरमन कोख अभिक्रिया कहते हैं।

एल्डिहाइड किसे कहते हैं

एल्डिहाइड के भौतिक गुण

  • साधारण ताप पर फॉर्मेल्डिहाइड गैस है जबकि एसीटेल्डिहाइड रंगहीन द्रव है।
  • सभी एल्डिहाइड कार्बनिक विलायकों जैसे बेंजीन, ईथर, क्लोरोफॉर्म आदि में विलेय होते हैं।
  • एल्डिहाइड के गलनांक और क्वथनांक हाइड्रोकार्बन से उच्च होते हैं।
  • एल्डिहाइड जल में पूर्ण रूप से विलेय हैं।

एल्डिहाइड के रासायनिक गुण

1. अपचयन – एल्डिहाइड का सोडियम बोरोहाइड्राइड (NaBH4) अथवा लिथियम एल्युमिनियम हाइड्राइड (LiAlH4) या उत्प्रेरकीय हाइड्रोजनीकरण द्वारा अपचयन किया जाता है जिससे 1° अल्कोहल प्राप्त होता है।
CH3CHO + H2 \xrightarrow {LiAlH_4/NaBH_4} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3CH_2OH \\ 1°\,अल्कोहल \end{array}

2. हैलोजनीकरण – एल्डिहाइड, हैलोजन के साथ क्रिया करके सरलता से हैलोजनीकरण अभिक्रिया देता है। जबकि फॉर्मेल्डिहाइड यह अभिक्रिया नहीं देता है।
CH3CHO + 3Cl2 \longrightarrow CCl3CHO + 3HCl

3. टाॅलेन परीक्षण – सिल्वर नाइट्रेट का अमोनियामय में विलयन टाॅलेन अभिकर्मक कहलाता है। जब एल्डिहाइड, टाॅलेन अभिकर्मक के साथ अभिक्रिया करते हैं तो सिल्वर धातु प्राप्त होती है। एल्डिहाइड संगत कार्बोक्सिलेट ऋणायन में ऑक्सीकृत हो जाते हैं।
RCHO + \scriptsize \begin{array}{rcl} 2[Ag(NH_3)_2]^+ \\ टाॅलेन\,अभिकर्मक \end{array} + 3OH \longrightarrow RCOO + \scriptsize \begin{array}{rcl} 2Ag \\ सिल्वर\,धातु \end{array} + 2H2O + 4NH3

Note – 1.टाॅलेन परीक्षण अभिक्रिया क्षारीय माध्यम में ही संपन्न होती है।
2. टाॅलेन अभिकर्मक सीधे ही प्राप्त नहीं होता है। इसे निम्न अभिक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
AgOH + 2NH4OH \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} [Ag(NH_3)_2]^+OH^- \\ टाॅलेन\,अभिकर्मक \end{array} + 2H2O

4. फेलिंग परीक्षण – फेलिंग अभिकर्मक में दो विलयन होते हैं।
1. फेलिंग विलयन A – कॉपर सल्फेट CuSO4
2. फेलिंग विलयन B – सोडियम पोटैशियम टाट्रेट
परीक्षण से पहले दोनों विलयनों को समान मात्रा में मिलाया जाता है।
जब एल्डिहाइड को फेलिंग विलयन के साथ गर्म करते हैं तो एल्डिहाइड, कार्बोक्सिलेट ऋणायन में ऑक्सीकृत हो जाता है। एवं क्यूप्रस ऑक्साइड का लाल-भूरा अपक्षेप प्राप्त होता है।
RCHO + \scriptsize \begin{array}{rcl} 2Cu^{2+}\,+\,5OH^- \\ फेलिंग\,विलयन \end{array} \longrightarrow RCOO + \scriptsize \begin{array}{rcl} Cu_2O \\ अपक्षेप \end{array} + 3H2O

Note – एरोमैटिक एल्डिहाइड से फेलिंग परीक्षण के प्रति प्रतिक्रिया नहीं दर्शाते हैं। अर्थात् यह परीक्षण केवल एलिफैटिक एल्डिहाइड ही दर्शाते हैं

एल्डिहाइड के उपयोग

  1. फॉर्मेल्डिहाइड का उपयोग बैकेलाइट, रेजिन तथा बहुलक के निर्माण में होता है।
  2. इसका उपयोग चमड़ा उद्योग में भी किया जाता है।
  3. एसीटेल्डिहाइड का उपयोग कार्बनिक पदार्थों जैसे एसिटिक अम्ल, एथिल एसीटेट आदि के निर्माण में किया जाता है।
  4. एसीटेल्डिहाइड का प्रयोग दर्पण बनाने में भी किया जाता है।
  5. बैन्जेल्डिहाइड, भोजन तथा पेय पदार्थों के लिए सुगंधदायक के रूप में प्रयुक्त होता है।

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