उत्प्रेरक क्या है, प्रकार गुण, अर्थ, उदाहरण, वर्गीकरण, कार्य लिखिए | विष, वर्धक स्व, प्रेरित उत्प्रेरण

उत्प्रेरक

वह पदार्थ जो किसी रसायनिक अभिक्रिया को परिवर्तित कर देता है परंतु स्वयं गुण तथा भार की दृष्टि से अभिक्रिया में रासायनिक रूप से अपरिवर्तित रहता है। उसे उत्प्रेरक (catalyst in Hindi) कहते हैं।
एवं इस परिघटना को उत्प्रेरण कहते हैं।

उत्प्रेरक के उदाहरण

KClO3 के विलयन से O2 के निर्माण में MnO2 एक उत्प्रेरक का कार्य करता है।

\footnotesize \begin{array}{rcl} 2KClO_3 \\ अभिकारक \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} [MnO_2] \\ उत्प्रेरक \end{array} \footnotesize \xrightarrow{270°C} \footnotesize \begin{array}{rcl} 2KCl \\ उत्पाद \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} 3O_2 \\ उत्पाद \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} [MnO_2] \\ उत्प्रेरक \end{array}

उत्प्रेरक के लक्षण

1. उत्प्रेरक अभिक्रिया के अंत में रासायनिक रूप से अपरिवर्तित रहता है।
2. उत्प्रेरक की बहुत कम मात्रा ही अभिक्रिया को प्रेरित करने में सहायक होती है।
3. अभिक्रिया का प्रारंभ उत्प्रेरक नहीं करता है यह केवल अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है।
4. उत्प्रेरक अभिक्रिया की साम्य अवस्था को प्रभावित नहीं करता है।
5. उत्प्रेरकों की प्रकृति विशिष्ट होती है।

उत्प्रेरण का वर्गीकरण

भौतिक अवस्था के आधार पर उत्प्रेरण को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है।
(1) समांगी उत्प्रेरण
(2) विषमांगी उत्प्रेरण

1. समांगी उत्प्रेरण

जब उत्प्रेरक तथा अभिकारक एक ही अवस्था में स्थित होते हैं। तो इस उत्प्रेरक को समांगी उत्प्रेरक कहते हैं। एवं इस घटना को समांगी उत्प्रेरण कहते हैं।
उदाहरण –

\footnotesize \begin{array}{rcl} 2SO_2 \\ अभिकारक \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} O_2 \\ अभिकारक \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} [NO] \\ उत्प्रेरक \end{array} \footnotesize \longrightarrow \footnotesize \begin{array}{rcl} 2SO_3 \\ उत्पाद \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} [NO] \\ उत्प्रेरक \end{array}

इस उदाहरण में दोनों अभिकारक गैस अवस्था में हैं एवं उत्प्रेरक [NO] भी गैस अवस्था में है जिस कारण यह एक समांगी उत्प्रेरण का उदाहरण है।

2. विषमांगी उत्प्रेरण

जब उत्प्रेरक तथा अभिकारक भिन्न-भिन्न अवस्थाओं में होते हैं तो इस उत्प्रेरक को विषमांगी उत्प्रेरक कहते हैं एवं इस घटना को विषमांगी उत्प्रेरण कहते हैं।
उदाहरण –

\footnotesize \begin{array}{rcl} N_2 \\ अभिकारक \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} 3H_2 \\ अभिकारक \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} [Fe] \\ उत्प्रेरक \end{array} \footnotesize \longrightarrow \footnotesize \begin{array}{rcl} 2NH_3 \\ उत्पाद \end{array} + \footnotesize \begin{array}{rcl} [Fe] \\ उत्प्रेरक \end{array}

यहां दोनों अभिकारक N2 तथा H2 गैस अवस्था में है जबकि उत्प्रेरक [Fe] ठोस अवस्था में है। अतः यह भिन्न है जिस कारण यह विषमांगी उत्प्रेरण का उदाहरण है।

Note –
क्रियाविधि के आधार पर उत्प्रेरण निम्न प्रकार के होते हैं।
(1) स्व उत्प्रेरण
(2) प्रेरित उत्प्रेरण

1. स्व उत्प्रेरण

जब किसी रसायनिक अभिक्रिया में कोई उत्पाद स्वयं उत्प्रेरक का कार्य करता है तो वह स्व उत्प्रेरक कहलाता है एवं इस परिघटना को स्व उत्प्रेरण कहते हैं।
उदाहरण –
CH3COOC2H5 + H2O \longrightarrow \footnotesize \begin{array}{rcl} CH_3COOH \\ स्व\,उत्प्रेरक \end{array} + C2H5OH

इस अभिक्रिया में मेथेनॉइक (CH3COOH) स्वयं उत्प्रेरक का कार्य करने लगता है। जिसके कारण अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है।

2. प्रेरित उत्प्रेरण

जब एक रसायनिक अभिक्रिया किसी दूसरी रसायनिक अभिक्रिया के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती है तो इस परिघटना को प्रेरित उत्प्रेरण कहते हैं।
उदाहरण –
Na2AsO3 का वायु में ऑक्सीकरण नहीं होता है। परंतु Na2SO3 का वायु में ऑक्सीकरण हो जाता है। लेकिन जब इन दोनों के मिश्रण को वायु में प्रवाहित किया जाता है तो सोडियम आर्सेनाइट Na2AsO3 का सोडियम आर्सेनेट के कारण ऑक्सीकरण हो जाता है।

उत्प्रेरक वर्धक तथा उत्प्रेरक विष

उत्प्रेरक वर्धक

वे पदार्थ जो किसी अभिक्रिया में प्रयुक्त उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को बढ़ा देते हैं। परंतु स्वयं उत्प्रेरक का कार्य नहीं करते हैं उत्प्रेरक वर्धक (catalyst of promoters in Hindi) कहलाते हैं।
उदाहरण –
मैथिल ऐल्कोहॉल के बनने में ZnO उत्प्रेरक होता है लेकिन Cr2O3 उत्प्रेरक वर्धक का कार्य करता है।
CO + 2H2 \xrightarrow [Cr_2O_3 वर्धक] {ZnO उत्प्रेरक} CH3OH

उत्प्रेरक विष

यह तो नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह विष (जहर) का कार्य करता है वास्तव में इसका कार्य ऐसा ही है।
वे पदार्थ जो किसी अभिक्रिया में प्रयुक्त उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को कम या नष्ट कर देते हैं उत्प्रेरक विष (catalyst poison in Hindi) कहलाते हैं।
उदाहरण –
SO3 के निर्माण में प्लेटिनम (Pt) उत्प्रेरक है लेकिन इसमें As2O3 उत्प्रेरक विष का कार्य करता है।
2SO2 + O2 \xrightarrow [As_2O_3 विष] {Pt उत्प्रेरक} 2SO3


शेयर करें…

One thought on “उत्प्रेरक क्या है, प्रकार गुण, अर्थ, उदाहरण, वर्गीकरण, कार्य लिखिए | विष, वर्धक स्व, प्रेरित उत्प्रेरण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *