ऐमीन
अमोनिया के एल्किल व्युत्पन्न ऐमीन (amines in Hindi) कहलाते हैं। ऐमीन नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिकों के एक महत्वपूर्ण वर्ग का निर्माण करते हैं। ऐमीन प्रकृति में प्रोटीन, विटामिन तथा हार्मोंस में घटक के रूप में पाए जाते हैं।
जिन कार्बनिक यौगिकों में –NH2 क्रियात्मक समूह में उपस्थित रहता है। उन्हें प्राथमिक अथवा 1° ऐमीन कहते हैं।
तथा जिन कार्बनिक यौगिकों में >NH तथा –>N क्रियात्मक समूह उपस्थित रहता है। उन्हें क्रमशः द्वितीयक 2° तथा तृतीयक 3° ऐमीन कहते हैं।
ऐमीन बनाने की विधि
1. नाइट्राइट से – प्राथमिक ऐमीन को लीथियम एल्युमिनियम हाइड्राइड की उपस्थिति में नाइट्राइल के अपचयन द्वारा प्राप्त किया जाता है।
RC≡N + 4H \xrightarrow [H_2/Ni] {LiAlH_4} \scriptsize \begin{array}{rcl} RCH_2NH_2 \\ 1°\,ऐमीन \end{array}
2. एमाइड के अपचयन से – प्राथमिक एमाइड को लीथियम एल्युमिनियम हाइड्राइड द्वारा अपचयित करके ऐमीन प्राप्त होता है।
3. हॉफमैन ब्रोमाइड अभिक्रिया से – जब किसी एमाइड को ब्रोमीन तथा NaOH/KOH के जलीय विलयन के साथ अभिक्रिया कराते हैं तो प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होता है।
R–CONH2 + Br2 + KOH \longrightarrow R–NH2 + K2CO3 + 2KBr + 2H2O
ऐमीन के भौतिक गुण
- एलिफैटिक ऐमीन के निम्न सदस्य गैसें हैं। तीन अथवा अधिक कार्बन परमाणु वाली ऐमीन द्रव हैं। तथा इससे उच्चतर ऐमीन ठोस हैं।
- निम्नतम एलिफैटिक ऐमीन जल में विलेय होते हैं। चूंकि यह जल के अणुओं के साथ हाइड्रोजन बंध बनाते हैं। एरोमैटिक ऐमीन जल में कम विलेय होते हैं।
- शुद्ध अवस्था में ऐमीन रंगहीन होती हैं। परंतु भंडारण के दौरान वायु के साथ ऑक्सीकृत होकर रंगीन हो जाती हैं।
पढ़ें… डाइ ऐजोनियम लवण क्या है, उपयोग, बनाने की विधि, भौतिक व रासायनिक गुण
ऐमीन के रासायनिक गुण
1. अम्लों से क्रिया – क्षारकीय प्रकृति होने के कारण, ऐमीन अम्लों से अभिक्रिया करके लवण बनाती हैं।
RNH2 + HX \longrightarrow R–NH3+Cl–
जहां R एल्किल समूह तथा X हैलोजेन समूह को प्रदर्शित करते हैं।
2. कार्बिलऐमीन अभिक्रिया – एलिफैटिक तथा एरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन को क्लोरोफॉर्म तथा एल्कोहलिक पोटैशियम हाइड्रोक्साइड KOH के साथ गर्म किया जाता है। जिससे अप्रिय तीक्ष्ण गंध वाला पदार्थ आइसोसायनाइड (कार्बिलऐमीन) प्राप्त होता है।
RNH2 + CHCl3 + 3KOH \xrightarrow {∆} RNC + 3KCl + 3H2O
3. ब्रोमीनीकरण – एनिलीन कमरे के ताप पर ब्रोमीन जल से अभिक्रिया करके 2, 4, 6-ट्राइब्रोमोएनिलीन का तुरंत ही सफेद अवक्षेप देती है।
ऐमीन के उपयोग
- कम अणुभार वाले एलिफैटिक ऐमीन का उपयोग प्रयोगशाला में विलायक के रूप में होता है।
- एरोमैटिक ऐमीन का उपयोग रंजक तथा बहुलक आदि के उत्पादन में होता है।
- यह औषधियों के औद्योगिक उत्पादन में प्रयोग की जाती है।
Very very best in hindi notes
Muse chemistry main 12 class ke 13 chapter ke notes chayei
Sir plz sameekaran balnce kar lo