डाइ ऐजोनियम लवण
डाइ ऐजोनियम लवण का सामान्य सूत्र ArN2+X– होता है। जहां Ar ऐरिल समूह तथा X– आयन (Cl– , Br– , HSO4– आदि) को प्रदर्शित करता है। N2+ समूह को डाइ ऐजोनियम समूह कहते हैं। जैसे –
डाइ ऐजोनियम लवण बनाने की विधि
ऐरिलऐमीन से डाइ ऐजोनियम लवण का निर्माण डाइ एजोटीकरण विधि द्वारा किया जाता है। इसमें एनिलीन को सोडियम नाइट्रेट व तनु HCl के मिश्रण के साथ 273 – 278K ताप पर अभिकृत करते हैं। जिससे बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड प्राप्त होता है।
डाइ ऐजोनियम लवण के भौतिक गुण
- बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड रंगहीन क्रिस्टलीय ठोस होता है।
- यह शुष्क अवस्था में स्थायी होते हैं। तथा गर्म किए जाने पर यह जल से अभिक्रिया करते हैं।
- डाइ ऐजोनियम लवण जल में विलेय होते हैं तथा अल्कोहल में अल्प विलेय है। एवं ईथर में अविलेय होते हैं।
- यह ठोस अवस्था में विस्फोटक होते हैं।
डाइ ऐजोनियम लवण के रासायनिक गुण
1. हैलाइड द्वारा प्रतिस्थापन – डाइ ऐजोनियम लवण के जलीय विलयन को क्यूप्रस क्लोराइड तथा क्यूप्रस ब्रोमाइड के साथ क्रिया कराने पर डाइ ऐजोनियम समूह –N2+ X– का Cl या Br द्वारा प्रतिस्थापन किया जाता है इस अभिक्रिया को सैण्डमायर अभिक्रिया कहते हैं।
ArN2+ X– \xrightarrow {Cu_2Cl_2/HCl} ArCl + N2
2. आयोडाइड द्वारा प्रतिस्थापन – डाइ ऐजोनियम लवण के विलयन की क्रिया पोटैशियम आयोडाइड KI से कराते हैं। तो समूह –N2+ X– का प्रतिस्थापन किया जा सकता है।
3. नाइट्रो समूह द्वारा प्रतिस्थापन – कॉपर की उपस्थिति में जब डाइ ऐजोनियम फ्लोओरोबोरेट को सोडियम नाइट्राइट के जलीय विलयन के साथ गर्म किया जाता है। तो समूह –N2+ X– का –NO2 समूह द्वारा प्रतिस्थापन हो जाता है।
डाइ ऐजोनियम लवण के उपयोग
- डाइ ऐजोनियम लवण का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में किया जाता है।
- इसका उपयोग हैलोएरीन तथा प्रतिस्थापित हैलोएरीन के निर्माण में भी किया जाता है।