खाद्य पदार्थों में रसायन, भोजन, कृत्रिम मधुरक तथा खाद्य परिरक्षक क्या है, ऐस्पार्टेम, प्रतिऑक्सीकारक

खाद्य पदार्थों में रसायन

खाद्य पदार्थों में रसायन इसलिए मिलाए जाते हैं ताकि खाद पदार्थों को बिना खराब हुए अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सके। प्रयुक्त रसायन को परिरक्षक कहते हैं।
उदाहरण – अचार को नमक, नींबू के रस, सिरके तथा तेल के उपयोग द्वारा ही अधिक समय तक सुरक्षित रखा जाता है।
खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए मिलाए जाने वाले खाद्य यौगिक के वर्ग निम्नलिखित निम्न प्रकार से हैं।

प्रतिऑक्सीकारक

वे रासायनिक पदार्थ जो खाद्य पदार्थों पर ऑक्सीजन के प्रभाव को धीमा करते हैं या रोक देते हैं। तो उन रसायन को प्रतिऑक्सीकारक (Antioxidants in Hindi) कहते हैं। यह आवश्यक तत्व महत्वपूर्ण खाद्य योगज होते हैं। यह खाद्य पदार्थों में ऑक्सीजन के प्रभाव को धीमा करके खाद्य पदार्थ के परिरक्षण में सहायता प्रदान करते हैं।
उदाहरण – ब्यूटाइलेटिड हाइड्रोक्सी टॉलूईन (BHT) और ब्यूटाइलेटिड हाइड्रोक्सी एनिसोल (BHA) यह दो सामान्य प्रतिऑक्सीकारक हैं। इनकी संरचनाएं निम्न प्रकार दी गई हैं।

खाद्य पदार्थों में रसायन

ब्यूटाइलेटिड हाइड्रोक्सी एनिसोल, मक्खन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिऑक्सीकारक है। यह मक्खन के भंडारण समय सीमा में वृद्धि कर देता है।
कभी-कभी ब्यूटाइलेटिड हाइड्रोक्सी टॉलूईन तथा ब्यूटाइलेटिड हाइड्रोक्सी एनिसोल के प्रभाव के बढ़ने के लिए इनमें सिट्रिक अम्ल भी मिलाया जाता है।

खाद्य परिरक्षक

वे रसायनिक पदार्थ जो खाद्य पदार्थों को सूक्ष्मजीवों जैसे – जीवाणु, यीस्ट, फफूंदी आदि की वृद्धि के कारण होने वाली खराबी से सुरक्षित रखते हैं। उन्हें खाद्य परिरक्षक (food preservatives in Hindi) कहते हैं।
आपने जरूर महसूस किया होगा कि ताजा बना भोजन अधिक पौष्टिक तथा स्वादिष्ट होता है। लेकिन उसे कुछ समय के लिए रख देते हैं तो उसका स्वाद, रंग एवं पौष्टिकता क्षमता में कुछ परिवर्तन हो जाते हैं यह परिवर्तन सूक्ष्म जीवों की वृद्धि के कारण ही होते हैं। अतः खाद्य पदार्थों में खाद्य परिरक्षक को मिलाने पर सूक्ष्म जीवों की वृद्धि रुक जाती है और खाद्य पदार्थ अधिक समय तक सुरक्षित रहते हैं।
उदाहरण – सोडियम बेंजोएट (C6H5COONa) , सोडियम मेटाबाइसल्फाइट (Na2S2O5) तथा सार्बिक अम्ल तथा इसके लवण आदि खाद्य परिरक्षक के उदाहरण हैं।

कृत्रिम मधुरक

नाम से ही स्पष्ट होता है कि मानव द्वारा निर्मित मधुरक होते हैं इनको निम्न प्रकार परिभाषित कर सकते हैं।
वे रसायनिक पदार्थ जो खाद्य पदार्थों को मीठा करने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं एवं इनका कैलोरी मान शून्य होता है कृत्रिम मधुरक (artificial sweetener in Hindi) कहलाते हैं।
प्राचीन काल में मधुरक के रूप में शहद तथा फलों के रस प्रयोग किए जाते थे। सुक्रोज, ग्लूकोस तथा फ्रुक्टोज आदि यह प्राकृतिक मधुरक हैं।
कृत्रिम मधुरक शर्करा के स्थान पर प्रयुक्त होकर खाद्य पदार्थों को मीठा करने में सहायक होते हैं।
उदाहरण –
सैकरीन – यह सुक्रोज से लगभग 500 गुना मीठा होता है।
ऐस्पार्टेम – यह सुक्रोज से लगभग 100 गुना मीठा होता है।
अन्य उदाहरण ऐलिटेम तथा सुक्रोलोस हैं।

Note – ऐस्पार्टेम एक कृत्रिम मधुरक है इसका उपयोग केवल ठंडे खाद्य पदार्थों में ही किया जाता है। क्योंकि गर्म करने पर यह विघटित हो जाता है। इसलिए गर्म स्थानों पर इसका प्रयोग नहीं किया जाता है।


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