रासायनिक अभिक्रिया का संघट्ट या टक्कर सिद्धांत क्या है chemistry

रसायनिक अभिक्रिया का संघट्ट सिद्धांत को साधारणतः अणुओं के बीच होने वाली टक्करों के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है। इसलिए इसे टक्कर सिद्धांत भी कहते हैं। इसमें कुछ महत्वपूर्ण बिंदु है जो निम्न प्रकार से दिए गए हैं।

इस सिद्धांत के अनुसार

  1. किन्ही दो अणुओं के मध्य अभिक्रिया होने के लिए उनमें टक्कर होना आवश्यक है।
  2. अणुओं के मध्य टक्कर तभी होती है जब अणुओं की ऊर्जा, सक्रियण ऊर्जा के बराबर या उससे अधिक होती है।
  3. अणुओं के बीच टक्कर होने के पश्चात सभी अणु उत्पाद में परिवर्तित नहीं होते है। केवल वही अणु उत्पाद बनते हैं जिनके बीच टक्कर प्रभावी होती हैं। अर्थात् जिन टक्करों से उत्पाद बनते हैं उन्हें प्रभावी टक्करें कहते हैं।
  4. क्योंकि सभी अणु उत्पाद नहीं बनते हैं अतः प्रभावी टक्करों की संख्या अणुओं की कुल संख्या से कम होती है।
  5. टक्कर होने पर अणुओं का एक दूसरे के सापेक्ष दिक् विन्यास अनुकूल होना चाहिए।
  6. ताप बढ़ाने पर अणुओं के मध्य प्रति सेकंड होने वाली टक्करों की संख्या बढ़ जाती है जिससे अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है। अर्थात
    अभिक्रिया का वेग ∝ टक्करों की संख्या

अभिक्रिया के लिए
X + Y = उत्पाद
अभिक्रिया की दर = Zxy e-Ea/RT
जहां Zxy संघट्ट आवृत्ति है यह किसी विशिष्ट अभिक्रिया के लिए ही स्थिरांक होता है सभी प्रकार की अभिक्रिया के लिए नहीं होता है। तथा R = गैस नियतांक है और Ea = अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा है।
संघट्ट सिद्धांत में सक्रियण ऊर्जा एवं अभिविन्यास दोनों एक साथ ही अभिक्रिया के वेग को निर्धारित करते हैं।

संघट सिद्धांत में ज्यादा कुछ नहीं है बस इसके बिंदु ही लिखने को आते हैं एग्जाम में। इस सिद्धांत की थ्योरी नहीं आती है। बस आप स्टूडेंट इस सिद्धांत के शुरू के 6 बिंदु जो दिए हैं उन्हीं पर ज्यादा ध्यान दें। चूंकि परीक्षाओं में प्रसन्न उन बिंदुओं को लिखने के लिए ही आता है बाकी ज्यादा theory पढ़कर कन्फ्यूजन में न पड़े।

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