इसके अंतर्गत कक्षा 12 भौतिकी में स्थित संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की संरचना, किरण आरेख, चित्र तथा आवर्धन क्षमता का सूत्र के बारे में वर्णन करेंगे।
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी
इस (compound microscope in hindi) प्रकाशिक यंत्र द्वारा हम अपनी आंखों से अत्यंत सूक्ष्म कण या जीवों को देख सकते हैं। संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता सरल सूक्ष्मदर्शी की तुलना में बहुत अधिक होती है।
संरचना
इसमें धातु की एक लंबी बेलनाकार नली होती है जिसके एक सिरे पर कम फोकस तथा छोटे द्वारक का उत्तल लेंस लगा होता है। जो चित्र में O स्थान पर है इसे अभिदृश्यक लेंस कहते हैं। तथा नली के दूसरे सिरे पर एक छोटी नली होती है जिसके बाहरी सिरे पर अधिक फोकस दूरी तथा बड़े द्वारक का एक और उत्तल लेंस लगा होता है। जिसे नेत्रिका या नेत्रिका लेंस कहते हैं जो चित्र में E स्थान पर है।
नेत्रिका की फोकस पर क्रॉस तार लगे रहते हैं। अब दंतुर दंड चक्र द्वारा पूरी नली को आगे पीछे खिसकाकर ऐसी स्थिति प्राप्त करते हैं जिससे वस्तु का प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई दे।
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता
(1) जब अंतिम प्रतिबिंब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी D पर बनता हो –
तब आवर्धन क्षमता
\footnotesize \boxed { M = -\frac{v_o}{u_o} ( 1 + \frac{D}{f_e}) }
(2) जब अंतिम प्रतिबिंब अनन्त पर बनता हो –
तब आवर्धन क्षमता
\footnotesize \boxed { M = -\frac{v_o}{u_o} × \frac{D}{f_e} }
पढ़ें… 12वीं भौतिकी नोट्स | class 12 physics notes in hindi pdf
अतः स्पष्ट है कि संयुक्त सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता बढ़ाने के लिए नेत्र लेंस की फोकस दूरी fe कम होनी चाहिए।
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