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कूलाम का नियम
फ्रांसीसी वैज्ञानिक कूलाम ने प्रयोगों के आधार पर दो आवेशों के बीच लगने वाले बल के संबंध में एक नियम दिया जिसे ” कूलाम का नियम ” कहते हैं।
कूलाम के नियम के अनुसार, ” दो स्थित बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला आकर्षण तथा प्रतिकर्षण बल, दोनों आवेशों की मात्राओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के व्यूत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होता है। “
माना दो आवेश q1 तथा q2 एक दूसरे से r दूरी पर हैं। तो उनके बीच लगने वाला बल
यहां k एक नियतांक है। जिसे परावैद्युतांक कहते हैं। इसका मान 1/4πԐo होता है। इसका मात्रक न्यूटन-मीटर2/कूलाम2 होता है। तो अब
प्रयोग द्वारा k (1/4πԐo) का मान 9 × 109 N-m2/C2 होता है। तब कूलाम का नियम
कूलाम के नियम का सूत्र
दो स्थित बिंदु आवेशों के बीच लगने वाले बल, दोनों आवेशों की मात्राओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के व्यूत्क्रमानुपाती होता है। इसे ही कूलाम का नियम कहते हैं।
या 1/4πԐo का मान रखने पर कूलाम के नियम का सूत्र
Ԑ तथा Ԑ0 को परिभाषित कीजिए। तथा K = Ԑ/Ԑo का निगमन करो।
कूलाम के नियम से
यदि बिंदु आवेश वायु अथवा निर्वात के स्थान पर किसी अन्य परावैद्युत माध्यम जैसे मोम, तेल, कांच आदि में रखे हैं। तो उनके बीच लगने वाला वैद्युत बल
K एक नियतांक है। जिसका मान वायु अथवा निर्वात के लिए एक तथा अन्य परावैद्युत माध्यम के लिए एक से अधिक होता है।
निर्वात की विद्युतशीलता Ԑ0
इसको वायु अथवा निर्वात की विद्युतशीलता कहते हैं इसका मान 8.85 × 10-12 होता है। तथा इसका मात्रक कूलाम2/न्यूटन-मीटर2 होता है। एवं विमीय सूत्र [M-1 L-3 T4 A2] है। इसको ‘एपसाइलन नौट’ कहते हैं।
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परावैद्युत माध्यम की विद्युतशीलता Ԑ
Ԑ इसको परावैद्युत माध्यम की विद्युतशीलता कहते हैं। इसको ‘एपसाइलन’ नाम से जानते हैं।
तो इससे समी.① कुछ इस प्रकार भी लिखा जा सकता है।
अब समी.① व समी.② की तुलना करने पर
अतः परावैद्युत माध्यम की विद्युतशीलता (Ԑ) तथा वायु अथवा निर्वात की विद्युतशीलता (Ԑ0) के अनुपात को उसका परावैद्युतांक (k) कहते हैं।
निर्वात की विद्युतशीलता Ԑ0 का मान
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आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल की परिभाषा
जैसे कि हम पहले भी पढ़ चुके हैं। कि दो समान प्रकार के आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।तथा दो विपरीत प्रकार के आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं इससे हमें यह ज्ञात होता है। कि आवेशों के बीच एक बल कार्य करता है। जिसे ‘ वैद्युत बल ‘ कहते हैं।
” समान आवेशों के बीच लगने वाले वैद्युत बल को प्रतिकर्षण बल तथा विपरीत आवेशों के बीच लगने वाले बल को आकर्षण बल कहते हैं। “
kulam ka niyam in hindi class 12 pdf
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- कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
- निर्वात की विद्युतशीलता का मात्रक होता है – कूलाम2/न्यूटन-मीटर2
- एक कूलाम आवेश में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं। – 6.25 × 1018
- इलेक्ट्रॉन पर कितना आवेश होता है। – 1.6×10-19 कूलाम
- इलेक्ट्रॉन पर आवेश होता है। – ऋणात्मक
- एक अल्फा कण पर आवेश होता है। – 3.2×10-19 कूलाम
- कूलाम का नियम में Ԑ0 का मान होता है। – 8.85×10-12 कूलाम2/न्यूटन-मीटर2
- इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान होता है। – 9.1×10-31 किलोग्राम
- कुछ चुने हुए भौतिक नियतांको के मान
- प्रकाश की चाल (C) = 3.0×108 मीटर/सेकंड
- प्लांक नियतांक (h) = 6.67×10-34 जूल-सेकंड
- मूल आवेश (e) = 1.6×10-19 कूलाम
- प्रोटोन का आवेश कूलाम = +1.6×10-19 कूलाम
- इलेक्ट्रॉन का आवेश = –1.6×10-19 कूलाम
- इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1×10-31 किलोग्राम
आशा है की कूलाम का नियम आपको जरूर पसंद आया होगा। कूलाम का नियम के किसी भी टॉपिक को समझने में अगर आपको कोई परेशानी हो तो हमें कमेंट के माध्यम से आप बता सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके परेशानी का हल करेंगे
कूलाम का नियम संबंधित प्रश्न उत्तर
Q.1 एक कूलाम बराबर होता है?
Ans. एक कूलाम में 6.25 × 1018 इलेक्ट्रॉन होते हैं।
Q.2 कूलाम किसका मात्रक होता है
Ans. आवेश का मात्रक कूलाम होता है।
Q.3 कूलाम के नियम का सदिश रूप क्या है?
Ans.
Sir class 12 ka pdf notes english mai diya please sir
App great ho sir
Notes is best🥰