डी ब्रोग्ली के अनुसार, प्रकाश में कण तथा तरंग दोनों की प्रकृति होती है। अर्थात् प्रकाश कुछ परिस्थितियों में कण तथा कुछ परिस्थितियों में तरंग की भांति व्यवहार करता है। जिसे द्वेती प्रकृति कहते हैं।
डी ब्रोग्ली तरंग
डी ब्रोग्ली ने बताया कि गतिशील कण सदैव तरंग की भांति व्यवहार करता है। जैसे जब कोई द्रव्य कण (इलेक्ट्रॉन, फोटोन) गतिशील अवस्था में होता है तो वह तरंग की भांति ही व्यवहार करता है। तब इन तरंगों को द्रव्य तरंग अथवा डी ब्रोग्ली तरंग (de broglie wave in Hindi) कहते हैं।
डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य का समीकरण
प्लांट के क्वांटम सिद्धांत के अनुसार किसी फोटोन की ऊर्जा
E = hv समी.①
जहां h प्लांट नियतांक है जिसका मान 6.6 × 10-34 जूल-सेकंड होता है।
यदि फोटोन का द्रव्यमान m है और प्रकाश (फोटोन) की चाल C है। तो आइंस्टीन के सिद्धांत के अनुसार फोटोन की ऊर्जा
E = mC2 समी.②
अब समी.① व समी.② से
E = E
hv = mC2
m = hv/C2
फोटोन का संवेग है तो
P = mC
m का मान रखने पर
P = hv/C2 × C
P = hv/C
चूंकी प्रकाश की चाल C तथा तरंगदैर्ध्य में निम्न संबंध होता है
C = vλ से
अब C का मान संवेग समीकरण में रखने का
P = hv/vλ
P = h/λ
\footnotesize \boxed { λ = \frac{h}{P} } मीटर
इस द्रव्य तरंग के तरंगदैर्ध्य λ को डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य (de broglie wavelength in hindi) कहते हैं।
पढ़ें… 12वीं भौतिकी नोट्स | class 12 physics notes in hindi pdf
इसके अनुसार किसी फोटोन की तरंगदैर्ध्य, प्लांट नियतांक h तथा फोटोन के संवेग P के अनुपात के बराबर होती है।
चूंकि संवेग P = mC होता है तब डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य
\footnotesize \boxed { λ = \frac{h}{mC} } मीटर
Thanks for that it’s to helpful for us it is so easy notes for us so more thank you ❤️