व्यतिकरण – किन्ही दो तरंगों के बीच में होने वाली एक घटना है।
जब किसी माध्यम में समान आवृत्ति की दो तरंगे समान दिशा में चलती हैं तो इन तरंगों के अध्यारोपण से माध्यम के कुछ बिंदुओं पर तीव्रता बहुत अधिक तथा कुछ बिंदुओं पर तीव्रता बहुत कम पायी जाती है। तरंगों की इस घटना को व्यतिकरण कहते हैं।
एवं जिन बिंदुओं पर तीव्रता अधिक पाई जाती है उन बिंदुओं पर हुए व्यतिकरण को संपोषी व्यतिकरण कहते हैं। तथा इसके विपरीत जिन बिंदुओं पर तीव्रता बहुत कम पाई जाती है उन बिंदुओं पर हुए व्यतिकरण को विनाशी व्यतिकरण कहते हैं।
विवर्तन – जब प्रकाश की किरणें किसी अवरोध अथवा पतली झिर्री पर गिराई जाती हैं। तो प्रकाश की किरणें अवरोध अथवा पतली झिर्री के किनारों की ओर आंशिक रूप से मुड़ जाती है।
अतः प्रकाश की किरणों का इस प्रकार मुड़ने की प्रक्रिया को प्रकाश का विवर्तन कहते हैं।
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व्यतिकरण एवं विवर्तन में अंतर
व्यतिकरण तथा विवर्तन के बीच अनेकों प्रकार के अंतर पाए जाते हैं जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं –
क्रमांक | व्यतिकरण | विवर्तन |
1 | व्यतिकरण प्रतिरूप में सभी दीप्त फ्रीजों की तीव्रता समान होती है। | विवर्तन प्रतिरूप में सभी दीप्त फ्रीजों की तीव्रता लगातार घटती जाती है। |
2 | व्यतिकरण, दो कला संबद्ध स्रोतों से प्राप्त प्रकाश तरंगों के अध्यारोपण से यह घटना होती है। | विवर्तन, एक ही स्रोत के विभिन्न बिंदुओं से प्राप्त द्वितीयक तरंग के अध्यारोपण से यह घटना होती है। |
3 | व्यतिकरण द्वारा प्राप्त फ्रीजें समान चौड़ाई की हो सकती है या नहीं भी हो सकती। | विवर्तन द्वारा प्राप्त फ्रीजें कभी भी समान चौड़ाई की नहीं होती हैं। |
4 | व्यतिकरण में सभी अदीप्त फ्रीजों की तीव्रता शून्य अथवा बहुत कम होती है। | विवर्तन में निम्निष्ट की तीव्रता कभी भी शून्य नहीं होती है। |
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