अपवाह वेग या अनुगमन वेग
जब किसी चालक के सिरों को बैटरी से जोड़ते हैं। तो तार के सिरों के बीच विभवांतर स्थापित हो जाता है। इस विभवांतर के कारण तार के भीतर एक विद्युत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। जो मुक्त इलेक्ट्रॉन पर एक बल लगाता है। इस बल के कारण मुक्त इलेक्ट्रॉन तार की लंबाई की दिशा ( या विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा ) में उच्च विभव वाले सिरे की ओर एक सूक्ष्म नियत वेग (लगभग 10-4 मीटर/सेकंड) से गतिमान हो जाते हैं। इस सूक्ष्म नियत वेग को अपवाह वेग या अनुगमन वेग कहते हैं। अपवाह वेग को Vd से प्रदर्शित करते हैं।
अथवा आसान शब्दों में – ” किसी चालक के सिरों पर विभवांतर लगाने से चालक में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉन जिस औसत वेग से गति करते हैं। उस औसत वेग को अपवाह वेग कहते हैं। “
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अपवाह वेग तथा विद्युत धारा में संबंध
जब किसी तार को बैटरी के सिरे से जोड़ते हैं। तो उस तार में धारा बहने लगती है यदि तार का आवेश q हो तथा t सेकंड में बहने वाली धारा i है तो
धारा i = \large \frac{q}{t}
माना तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल A है। उसके प्रति एकांक आयतन में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या n है। तथा अपवाह वेग Vd है। तो तार से 1 सेकंड में गुजरने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या = nAVd होगी। और t सेकंड पशचात् गुजरने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या = nAVdt होगी। यदि इलेक्ट्रॉन पर आवेश की मात्रा e हो तो t सेकंड में तार से गुजरने वाला आवेश
q = ne
चूंकि इलेक्ट्रॉनों की संख्या = nAVdt है। तो आवेश
q = (nAVdt)e
यदि चालक में प्रवाहित धारा i है तो धारा
i = \large \frac{q}{t}
i = \large \frac{(nAV_dt)e}{t} ⇒ nAVde
\footnotesize \boxed {i = neAV_d }
यही अपवाह वेग तथा विद्युत धारा में संबंध है।
गतिशीलता
किसी आवेश वाहक की गतिशीलता के एकांक विद्युत क्षेत्र पर आरोपित वैद्युत क्षेत्र को कहते हैं। इसे µ (म्यू ) से प्रदर्शित करते हैं।
यदि E वैद्युत क्षेत्र में आवेश वाहक द्वारा प्राप्त अपवाह वेग Vd हो तो गतिशीलता
µ = \large \frac{V_d}{E}
गतिशीलता का मात्रक मीटर2/वोल्ट-सेकंड होता है। तथा ताप बढ़ाने पर मुक्त इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता बढ़ जाती है।
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धारा घनत्व
किसी चालक में किसी बिंदु पर क्षेत्रफल तथा उसमें गुजरने वाली विद्युत धारा के अनुपात को धारा घनत्व कहते हैं। इसे j से प्रदर्शित करते हैं।
यदि किसी चालक का क्षेत्रफल A तथा गुजरने वाली विद्युत धारा i हो तो
धारा घनत्व \footnotesize \boxed { j = \frac{i}{A} }
धारा घनत्व का मात्रक एंपियर/मीटर2 होता है। एवं विमीय सूत्र [AL-2] है।
Hello sir 💕
Apka very very very sukriya Ada karna chahta hu ki aap ne ye provide kraya
Our mujhe aap chemistry ⚗️
Ke notes ka link bhi bhej de to main aapka bahut ashan hoga