विद्युत द्विध्रुव
इस पोस्ट में विद्युत द्विध्रुव से संबंधित सभी जानकारी एकत्रित किया गया है। जैसे- विद्युत द्विध्रुव किसे कहते हैं।, विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक, किसी विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता, अक्षीय स्थिति में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक, निरक्षीय स्थिति में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक।
Electric dipole in Hindi
विद्युत द्विध्रुव एक ऐसा समायोजन है। जिसमें दो बराबर व विपरीत प्रकृति के आवेश एक दूसरे से अल्प दूरी पर होते हैं।
किसी एक (+q या -q) आवेश तथा दोनों आवेशों के बीच की दूरी (2l) के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। इसे p से प्रदर्शित करते हैं।
विद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण p = आवेश × बीच की दूरी
p = q×2l
p = 2ql
विद्युत द्विध्रुव का मात्रक कूलाम-मीटर होता है। तथा विमीय सूत्र [LTA] होता है। यह एक सदिश राशि है। जिसकी दिशा ऋणात्मक आवेश (-q) से धनात्मक आवेश(+q) की ओर होती है।
उदाहरण – अनेक अणु जैसे HCl, H2O, HBr, NH3 तथा CH4 वैद्युत द्विध्रुव के उदाहरण हैं।
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विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
वैद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करने की दो स्थितियां हैं।
1. अक्षीय स्थिति
2. निरक्षीय स्थिति
1. विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की अक्षीय या अक्ष स्थिति
संबंधित प्रशन
Q.1– वैद्युत द्विध्रुव के कारण अक्षीय स्थिति या अक्ष स्थिति मैं किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजन ज्ञात कीजिए।
अथवा वैद्युत द्विध्रुव की अक्ष पर स्थित किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का सूत्र स्थापित कीजिए।
अथवा वैद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र E = \large \frac{1}{4πԐ_0} \frac{2p}{r^3} सूत्र का निगमन करो।
अक्षीय स्थिति :- माना एक वैद्युत द्विध्रुव AB ऐसे माध्यम के स्थित है। जिसका परावैघुतांक k है। अक्षीय स्थिति में इसके मध्य बिंदु O से r दूरी पर एक बिंदु P है। जिस पर विद्युत क्षेत्र के तीव्रता ज्ञात करनी है।
( Note – ये जो ऊपर article में परिभाषा लिखी गई है। ये कोई अपने मन से नहीं लिखी गई है। बल्कि यह चित्र से बनाई गई है। आप भी इसे रटे नहीं बल्कि चित्र को समझें, और बार-बार लिखने का अभ्यास करें। )
द्विध्रुव के आवेश +q के कारण बिंदु P पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E1 = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{(r-l)^2} (A→ P दिशा में)
इसी प्रकार द्विध्रुव के आवेश -q के कारण बिंदु p पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E2 = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{(r+l)^2} (P→ B दिशा में)
(चूंकि तीव्रता एक सदिश राशि है। इसलिए ही -q आवेश भी +q हो जाता है)
E1 व E2 विपरीत दिशाओं मैं होने के कारण बिंदु O पर परिणामी तीव्रता
E = E1 – E2
E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{(r-l)^2} – \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{(r+l)^2}
E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{1}{(r-l)^2} - \frac{1}{(r+l)^2}]
E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{(r+l)^2 - (r-l)^2}{(r-l)^2 (r+l)^2}]
E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{r^2 + l^2 + 2rl - r^2 - l^2 + 2rl}{(r^2 - l^2)^2}]
E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{4rl}{(r^2 - l^2)^2}]
∵ l < r ∴ l2<<r2 अतः l2 को छोड़ने पर
E = \large \frac{q}{4πԐ_0k} [\frac{4l}{r^3}]
E = \large \frac{2 × 2ql}{4πԐ_0kr^3} ( ∵ p = 2ql)
E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{2p}{r^3}
वायु अथवा निर्वात के लिए k=1
E = \large \frac{1}{4πԐ_0} \frac{2p}{r^3}
इस प्रकार अक्षीय स्थिति में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E की दिशा ऋण आवेश से धन आवेश की ओर होती है।
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2. विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की निरक्षीय या निरक्ष स्थिति :-
संबंधित प्रशन
Q.1 वैद्युत द्विध्रुव के कारण निरक्षीय स्थिति या अनुप्रस्थ स्थिति मैं किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजन ज्ञात कीजिए।
अथवा वैद्युत द्विध्रुव की निरक्ष पर स्थित किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का सूत्र स्थापित कीजिए।
अथवा वैद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र E = \large \frac{1}{4πԐ_0} \frac{p}{r^3} सूत्र का निगमन करो।
निरक्षीय या निरक्ष स्थिति :- माना एक वैद्युत द्विध्रुव AB ऐसे माध्यम के स्थित है। जिसका परावैघुतांक k है। निरक्षीय स्थिति में इसके मध्य बिंदु O से r दूरी पर एक बिंदु P है। जिस पर विद्युत क्षेत्र के तीव्रता ज्ञात करनी है।
द्विध्रुव के आवेश +q के कारण बिंदु P पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E1 = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{r^2 + l^2} (A→ P दिशा में)
इसी प्रकार द्विध्रुव के आवेश -q के कारण बिंदु p पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E2 = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{r^2 + l^2} (P→ B दिशा में)
E1 व E2 को क्षैतिज व ऊर्ध्वाधर घटकों में नियोजित करने पर ऊर्ध्वाधर घटक E1sinθ तथा E2sinθ बराबर व विपरीत होने पर निरस्त (खत्म) हो जाते हैं। जबकि क्षैतिज घटक E1cosθ तथा E2cosθ एक ही दिशा में होने के कारण जुड़ जाएंगे।
अतः बिंदु P पर परिणामी तीव्रता
E = E1cosθ + E2cosθ
E = \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{r^2 + l^2} cosθ + \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{q}{r^2 + l^2} cosθ
E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{2q cosθ}{r^2 + l^2}
E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{2q}{r^2 + l^2} (\frac{l}{\sqrt{r^2 + l^2}} ) (∵ cos =\large \frac{आधार}{कर्ण} \Rightarrow \frac{l}{\sqrt{r^2 + l^2}} )
E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{2ql}{(r^2 + l^2)^3/2}
∵ l < r ∴ l2 << r2 अतः l2 को छोड़ने पर
E = \large \frac{1}{4πԐ_0k} \frac{p}{r^3}
वायु अथवा निर्वात के लिए k=1
E = \large \frac{1}{4πԐ_0} \frac{p}{r^3}
इस प्रकार निरक्षीय स्थिति में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E की दिशा धन आवेश से ऋण आवेश की ओर होती है।
Note – 12th Board Exam में इन दो स्थितियों में से कोई एक स्थिति आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इसलिए आप इन्हें अच्छे से समझे और लिखकर अभ्यास करें।
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एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म के आघूर्ण
संबंधित प्रशन–
Q. एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म के आघूर्ण के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
अथवा एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म के आघूर्ण सूत्र τ = pEsinθ का निगमन करो।
Ans – माना एक वैद्युत द्विध्रुव AB एक समान वैद्युत क्षेत्र E में क्षेत्र से कोण बनाते हुए रखा गया है। इस स्थिति में इसके +q आवेश पर एक बल F (=qE) क्षेत्र की दिशा में तथा -q आवेश पर उतना ही बल F (=qE) क्षेत्र की विपरीत दिशा में लगता है। अतः यह बल एक युग्म बनाते हैं।
जो द्विध्रुव को वैद्युत क्षेत्र (E) के समांतर लाने का प्रयत्न करते हैं। अतः इसे प्रत्यानयन बल कहते हैं। इस प्रत्यानयन बल युग्म का आघूर्ण
τ = बल × लंबवत दूरी
τ = F × 2lsinθ
τ = qE × 2lsinθ (∵ E = \large \frac{F}{q} )
τ = 2ql × sinθ (∵ p = 2ql )
τ = pE sinθ
यदि θ= 0° तब τ = pE sin0° ⇒ τ = pE × 0 ⇒
τ = 0
यदि θ= 90° तब τ = pE sin90° ⇒ τmax = pE × 1 ⇒
τmax = pE
वैद्युत विद्रोह पर लगने वाले किसी बल आघूर्ण का सूत्र
गौस की प्रमेय
सर मुझे 12th class के physics ka notes hindi me चाहिए
sir mujhe physics ke complate chahiye class 12th in hindi
Mjaa aa gya sir
Nice 👌👌👌👌👌👌🏻👌👌👌👌👌👌
Koi sabd nahi itna accha ok very nice
Sir muchhe physics ka subject pdf chahiye hindi me
enjoyed reading sir
Got it sir
Nice