क्वथनांक का उन्नयन
जब किसी शुद्ध विलायक में कोई अवाष्पशील विलेय पदार्थ को विलीन किया जाता है तो विलायक के वाष्पदाब में कमी उत्पन्न हो जाती है। विलायक के वाष्पदाब में कमी के कारण विलयन का क्वथनांक, विलायक क्वथनांक से अधिक हो जाता है। अर्थात्
“शुद्ध विलायक में कोई अवाष्पशील विलेय के घोलने पर विलायक के क्वथनांक में होने वाली वृद्धि को क्वथनांक में उन्नयन (elevation of boiling point in Hindi) कहते हैं।”
क्वथनांक का उन्नयन एक अणुसंख्यक गुणधर्म है।
क्वथनांक के उन्नयन को इस प्रकार भी परिभाषित कर सकते हैं कि
वह तो आप जिस पर द्रव का वाष्पदाब, वायुमंडलीय दाब के समान (बराबर) हो जाता है तो उस ताप को द्रव का क्वथनांक कहते हैं।
इसे उदाहरण से समझते हैं जैसे –
जल H2O का क्वथनांक 373 K होता है तो इसका अर्थ है कि जल का वाष्पदाब 373 K ताप पर वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है।
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क्वथनांक का उन्नयन का सूत्र
यदि किसी विलयन में विलायक का क्वथनांक T1 तथा विलयन का क्वथनांक T2 है तो
क्वथनांक का उन्नयन ∆Tb = T2 – T1
किसी विलयन का क्वथनांक उन्नयन ∆Tb विलयन में विलेय की मोललता M के अनुक्रमानुपाती होता है अतः
∆Tb ∝ M
या \footnotesize \boxed { ∆T_b = K_bM }
जहां Kb एक स्थिरांक है जिसे क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक या मोलल उन्नयन स्थिरांक कहते हैं।
चूंकि मोललता M = \large \frac{w}{m} × \frac{1000}{W} तो क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक
जहां w = विलेय का भार
m = विलेय का अणुभार
W = विलायक का भार
मोलल उन्नयन स्थिरांक
किसी विलायक के 1000 ग्राम में किसी अवाष्पशील विलेय पदार्थ के 1 मोल को घोलने पर उसके क्वथनांक में होने वाली वृद्धि को विलायक का मोलल उन्नयन स्थिरांक कहते हैं। इसे Kb या K1000 से प्रदर्शित करते हैं।
जहां Kb मोलल उन्नयन स्थिरांक है।
मोलर उन्नयन स्थिरांक
किसी विलायक के 100 ग्राम में किसी अवाष्पशील विलेय पदार्थ के 1 मोल को घोलने पर उसके क्वथनांक में होने वाली वृद्धि को विलायक का मोलर उन्नयन स्थिरांक कहते हैं। इसे Kb या K100 से प्रदर्शित करते हैं।
जहां Kb मोलर उन्नयन स्थिरांक है।
Note –
मोलल उन्नयन स्थिरांक और मोलर उन्नयन स्थिरांक दोनों समान ही हैं। दोनों एक जैसे ही लगते हैं सूत्र भी समान हैं।
बस अंतर यह है कि जहां मोलल उन्नयन स्थिरांक होगा वहां 1000 से गुना होगी। और जहां मोलर उन्नयन स्थिरांक होगा वहां 100 से गुणा होगी। दोनों के सूत्र देखें।
क्वथनांक का उन्नयन का उदाहरण
- 6 ग्राम यूरिया को 400 ग्राम जल में मिलाकर प्राप्त विलयन का क्वथनांक ज्ञात कीजिए। जबकि जल का मोलल उन्नयन स्थिरांक 0.56 प्रति किलोग्राम है।
हल –
यूरिया का भार m = 6 ग्राम
यूरिया (NH2CONH2) का अणुभार w = 60
जल का भार W = 400 ग्राम
मोलल उन्नयन स्थिरांक = 0.56 kg-1
सूत्र ∆Tb = \large \frac{1000 × K_b × w}{m × W}
∆Tb = \large \frac{1000 × 0.56 × 6}{60 × 400}
∆Tb = 0.14°C
यह पूरे विलयन का क्वथनांक नहीं है। क्योंकि जल का क्वथनांक 273 K या 100°C होता है तो
क्वथनांक = 100 + 0.14
क्वथनांक = 100.14°C उत्तर
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क्वथनांक का उन्नयन संबंधित प्रश्न उत्तर
Q.1 क्वथनांक का उन्नयन और विलयन की मोललता किस प्रकार संबंधित है?
Ans. क्वथनांक का उन्नयन, विलायक के मोलल उन्नयन स्थिरांक तथा विलयन की मोललता के मध्य निम्न संबंध होता है।
ΔTb = Kb × m
जहां –
ΔTb = क्वथनांक का उन्नयन
Kb = मोलल उन्नयन स्थिरांक
m = विलयन की मोललता
Q.2 मोलल उन्नयन स्थिरांक को परिभाषित कीजिए?
Ans. किसी विलेय के 1 ग्राम मोल को विलायक के 1 किलोग्राम में विलीन करने पर क्वथनांक में जो उन्नयन प्राप्त होता है। उसे मोलल उन्नयन स्थिरांक कहा जाता है। इसे Kb से प्रदर्शित किया जाता है।
Q.3 क्वथनांक उन्नयन को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?
Ans. क्वथनांक उन्नयन निम्न कारकों द्वारा प्रभावित होता है। जैसे विलेय का अणुभार, विलेय की मात्रा, विलायक का प्रकार आदि।
Thank you sir
molar unnayan sthirank kya hai