विद्युत अपघटन
वह प्रक्रिया जिसमें किसी विद्युत अपघट्य पर विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह अपघटित हो जाता है उसे विद्युत अपघटन कहते हैं।
फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम
वैज्ञानिक माइकल फैराडे के विद्युत अपघटन से संबंधित दो नियमों का प्रतिपादन किया। जिसे फैराडे के विद्युत अपघटन नियम (Faraday’s laws of electrolysis in hindi) कहते हैं।
1. फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम नियम
इस नियम के अनुसार, जब किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रॉडो पर मुक्त पदार्थ की मात्रा, विद्युत अपघटन में प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा के समानुपाती होती है। यह फैराडे का पेड़ विद्युत अपघटन का प्रथम नियम है
यदि मुक्त पदार्थ की मात्रा W तथा धारा की मात्रा Q हो तो
W ∝ Q
या W = ZQ
जहां Z एक नियतांक है जिसे विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते हैं। इसका मात्रक ग्राम/कूलाम होता है तो
W = Z × Q
चूंकि Q = it होता है तब
\footnotesize \boxed {W = Z × i × t }
जहां i = विद्युत धारा , ,t = समय है।
यदि i = 1 एम्पीयर तथा t = 1 सेकंड है तो
\footnotesize \boxed {W = Z }
अर्थात् जब 1 एंपियर धारा 1 सेकंड तक प्रवाहित की जाती है। तो पदार्थ की मात्रा उसके विद्युत रासायनिक तुल्यांक के बराबर होती है।
2. फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम
इस नियम के अनुसार, जब किसी विद्युत अपघट्यों के विलयनों में समान विद्युत की मात्रा प्रवाहित की जाती है। तो इलेक्ट्रोडो पर मुक्त पदार्थों का द्रव्यमान उनके तुल्यांकी भारों के समानुपाती होता है। यह फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम है
अर्थात् W ∝ E
दो विलयनों के लिए
W1 ∝ E1 » W1 = kE1
W2 ∝ E2 » W2 = kE2
तो \footnotesize \boxed { \frac{W_1}{E_1} = \frac{W_2}{E_2} }
जहां W1 व W2 पदार्थों के द्रव्यमान तथा E1 व E2 = पदार्थों के तुल्यांकी भार हैं।
फैराडे नियतांक
एक मोल इलेक्ट्रॉन पर स्थित आवेश को फैराडे नियतांक कहते हैं। इसे F से प्रदर्शित करते हैं।
1 F = 1 इलेक्ट्रोन/मोल
अतः 1 F = 1.6 × 10-19 इलेक्ट्रोन/मोल × 6.022 × 1023 कूलाम/मोल
1 F = 96487 कूलाम/मोल
1 फैराडे नियतांक का मान 96487 या 96500 कूलाम/मोल होता है।
अर्थात किसी पदार्थ का 1 ग्राम तुल्यांक विक्षेपित करने पर 96500 कूलाम विद्युत की आवश्यकता होती है।
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