ग्रीन हाउस प्रभाव
यह एक प्राकृतिक घटना है जो हमारी पृथ्वी को गर्म बनाए रखती है। जब सूर्य से आने वाला प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचता है तो उस प्रकाश का कुछ भाग (पराबैगनी किरणें) तो अंतरिक्ष में ही रह जाती हैं। एवं जो भाग पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करता है। वह ग्रीनहाउस गैसों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। यह अवशोषित, पृथ्वी, पेड़-पौधों द्वारा होता है इसमें कुछ प्रकाश तो वापस चला जाता है एवं कुछ प्रकाश इनके अवशोषण के द्वारा पृथ्वी सतह पर ही रह जाता है। जिसके कारण ही हमारी पृथ्वी गरम रहती है इस घटना को ही ग्रीन हाउस प्रभाव (Green house effect in Hindi) कहते हैं।
अगर हम कल्पना करें कि यह प्रभाव हमारी पृथ्वी पर नहीं होता तो क्या होता-
अगर ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी पर नहीं पाया जाता तो सूर्य से आने वाला प्रकाश संपूर्ण रुप से वापस चला जाता और हमारी पृथ्वी का तापमान लगातार लगभग 15 – 25 °C के बीच ही रहता। जो कि काफी कम है इस कारण ही हमारी पृथ्वी काफी ठंडी रहती। इसमें पेड़ पौधों का भी जीवन नहीं होता। इतने कम तापमान में सभी प्रकार के जीव जंतुओं का जीवन यापन संभव नहीं होता है।
तो आप शायद जान ही चुके होंगे कि यह प्रभाव हमारे जीवन के लिए कितना जरूरी है।
ग्रीन हाउस प्रभाव का मूल कारण ग्रीनहाउस गैस को माना जाता है।
ग्रीन हाउस के लाभ
- ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण ही हमारी पृथ्वी का ताप सही सीमा पर रहता है।
- इसी प्रभाव के कारण हमारे पृथ्वी पर ऋतुओं का बदलाव होता है।
- इसी प्रभाव से ही सूर्य से आने वाले प्रकाश का नुकसान भाग अर्थात् जो भाग मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है उसे अवशोषित कर लिया जाता है। तथा सुरक्षित प्रकाश को ही हमारी पृथ्वी पर पहुंचाया जाता है।
- यह पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
- पानी पृथ्वी पर तीनों रूपों में मौजूद है। बर्फ, तरल और वाष्प, अर्थात् इसी प्रभाव के कारण बर्फ का पानी में तथा पानी का वाष्प में परिवर्तन होता है एवं वाष्प, बारिश में बदल जाती है। जो हमें पीने योग्य प्रदान करती है।
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ग्रीन हाउस प्रभाव के दुष्परिणाम
ग्रीन हाउस प्रभाव जितना हमारे लिए लाभदायक है। तो उसका कुछ हमारे जीवन में दुष्परिणाम भी है। जो हमारे जीवन में काफी कठिनाई प्रदान कर रहा है जैसे-
- ग्रीन हाउस गैसों की वृद्धि लगातार बढ़ती जा रही है जिसके कारण पृथ्वी के तापमान में भी वृद्धि हो रही है जो मनुष्य के लिए कई रूपों से हानिकारक है।
- तापमान के बढ़ने के कारण ही आज हमें कई परेशानियां दिख रही हैं। जैसे – वर्षा का कम होना, रेगिस्तान में बाढ़ का आना।
- इसके कारण आज ग्लेशियर की बर्फ भी पिघलने लगी है।
- अगर इसी तरह पृथ्वी पर ग्रीन हाउस गैसों की वृद्धि होती रही, तो पृथ्वी का तापमान भी बढ़ता चला जाएगा जिसके कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ जाएगा। गर्म हवाएं चलेंगी, पीने योग्य पानी नहीं मिल पाएगा आदि।
तो आप जान ही चुके होंगे कि ग्रीन हाउस गैसों की वृद्धि के बढ़ने से हमारे जीवन में कितना दुष्परिणाम आ रहा है।
इस समस्या से बचने के लिए हम सभी को ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए। एवं पर्यावरण को साफ सुथरा रखना चाहिए। और हरे-भरे वृक्षों को नहीं काटना चाहिए।
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