वर्ग 17 के तत्व
वर्ग 17 के तत्वों में फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन तथा एस्टेटीन तत्व आते हैं। वर्ग 17 के तत्वों को हैलोजन परिवार कहते हैं। हैलोजन सर्वाधिक क्रियाशील अधातुएं है। इनकी क्रियाशीलता का क्रम फ्लोरीन से आयोडीन तक घटता जाता है। इस वर्ग का प्रथम सदस्य फ्लोरीन है। इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2np5 होता है।
वर्ग 17 के तत्वों के गुण
गुण | फ्लोरीन | क्लोरीन | ब्रोमीन | आयोडीन | एस्टेटीन |
परमाणु क्रमांक | 9 | 17 | 35 | 53 | 85 |
परमाणु भार | 19 | 35.5 | 79.9 | 126.9 | 210 |
विद्युतऋणात्मकता | 4 | 3.2 | 3.0 | 2.7 | 2.2 |
गलनांक K | 54.4 | 172.0 | 265.8 | 386.6 | – |
क्वथनांक K | 84.9 | 239.0 | 332.5 | 458.2 | – |
घनत्व g/cm3 (298k) | 1.5 | 1.66 | 3.19 | 4.94 | – |
1. इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
वर्ग 17 के तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2np5 होता है अर्थात् इनके अंतिम कोश में 7 इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं।
(i) फ्लोरीन – 9 ⇒ 1s2 2s2 2p5
(ii) क्लोरीन – 17 ⇒ 1s2 2s2 2p6 3s2 3p5
(iii) ब्रोमीन – 35 ⇒ 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p5
(iv) आयोडीन – 53 ⇒ 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 5s2 5p5
(v) एस्टेटीन – 85 ⇒ 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f14 5s2 5p6 5d10 6s2 6p5
2. उपलब्धता
हैलोजन प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाए जाते हैं। चूंकि यह अधिक क्रियाशील होते हैं इसलिए यह संयुक्त अवस्था में विभिन्न लवणों के रूप में पाए जाते हैं। यह समुद्र के पानी में भी पाए जाते हैं।
3. आयनन एंथैल्पी
वर्ग 17 के तत्वों की आयनन एंथैल्पी बहुत अधिक होती है। चूंकि इनमें इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति कम होती है। वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर आयनन एंथैल्पी का मान बढ़ता है।
4. विद्युतऋणात्मकता
वर्ग 17 के तत्वों में सबसे अधिक विद्युतऋणात्मकता फ्लोरीन की होती है। एवं सबसे न्यूनतम एस्टेटीन की होती है। अतः वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर विद्युतऋणात्मकता में कमी आती है।
5. ऑक्सीकरण अवस्था
हेलो जैन की ऑक्सीकरण अवस्थाएं +1 , +2 , +3 , +5 तथा +7 होती है। एवं इसके अतिरिक्त फ्लोरीन अपने सभी यौगिकों में -1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है।
भौतिक गुण
वर्ग 17 के तत्वों में फ्लोरीन तथा क्लोरीन गैस हैं जबकि ब्रोमीन एक द्रव है एवं आयोडीन एक ठोस है। परमाणु क्रमांक के बढ़ने पर इनके गलनांक और क्वथनांकों वृद्धि होती है। यह सभी अम्लीय ऑक्साइड बनाते हैं। हैलोजन की परमाणु त्रिज्याएं फ्लोरीन से आयोडीन तक बढ़ती हैं।
रसायनिक गुण
फ्लोरीन सर्वाधिक प्रबल ऑक्सीकारक है जिस कारण यह Cl– , Br– तथा I– आयनों को ऑक्सीकृत कर सकता है। अर्थात यह क्लोरीन, ब्रोमीन तथा आयोडीन को उनके लवण के विलयनों से विस्थापित कर देता है।
F2 + 2X– \longrightarrow 2F– + X2
जहां X = Cl, Br तथा I है।
हैलोजन का ऑक्सीकारक गुण का क्रम निम्न प्रकार होता है।
F2 > Cl2 > Br2 > I2
हैलोजन रंगीन क्यों होते हैं?
हैलोजन रंगीन होत हैं चूंकि इनमें अणु दृश्य क्षेत्र में प्रकाश अवशोषित कर लेते हैं। जिसके कारण इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर उच्च ऊर्जा स्तर में चले जाते हैं यह विकिरण के भिन्न-भिन्न क्वांटम अवशोषित करने के कारण भिन्न-भिन्न रंग दर्शाते हैं। इसी कारण हैलोजन रंगीन होते हैं।
वर्ग 17 के तत्व संबंधित प्रश्न उत्तर
1. वर्ग 17 के तत्वों को क्या कहते हैं?
Ans. हैलोजन
2. हैलोजन परिवार में कौन-कौन सदस्य हैं?
Ans. फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन
3. वर्ग 17 के तीसरे आपस में आने वाले तत्व का नाम?
Ans. क्लोरीन (Cl)
4. हैलोजन की क्रियाशीलता का क्रम होता है?
Ans. F > Cl > Br > I
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