ताप temperature in Hindi
किसी वस्तु का ताप वह भौतिक राशि है जिससे यह पता चलता है कि वह वस्तु कितनी गर्म है अथवा कितनी ठंडी है। ताप का ज्ञान हमें वस्तु को छूने से होता है। अगर वस्तु छूने पर गर्म लगती है तो वस्तु का ताप उच्च है जबकि ठंडी वस्तुओं का ताप निम्न होता है।
जैसे किसी तप्त (लाल गर्म) वस्तु पर ताप अधिक होता है जबकि बर्फ पर ताप बहुत कम होता है। ताप का मात्रक प्रति सेकंड (सेकंड-1) होता है।
ताप के प्रकार (मापन)
ताप को मापने के तीन पैमाने हैं।
(1) सेल्सियस अथवा सेंटीग्रेड पैमाना
(2) फॉरेनहाइट पैमाना
(3) केल्विन पैमाना
1. सेल्सियस पैमाना
इस पैमाने पर निम्नतम बिंदु 0° तथा उच्चतम 100° होता है। इसमें 100 डिग्रियां बांटी गई है। प्रत्येक डिग्री को 1°C कहते हैं। इस प्रकार के पैमाने को सेल्सियस या सेंटीग्रेड पैमाना कहते हैं। इसमें हिमांक को 0° सेंटीग्रेड तथा भाप बिंदु को 100° सेंटीग्रेड मानकर उनके अंतर को 100 बराबर भागों में बांटा गया है।
2. फॉरेनहाइट पैमाना
इस पैमाने पर निम्नतम बिंदु 32° तथा उच्चतम 212° होता है। इसमें 180 डिग्रियों को बराबर भागों में बांटी जाती है। प्रत्येक डिग्री को 1°F कहते हैं। इस प्रकार के पैमाने को फॉरेनहाइट पैमाना कहते हैं। अर्थात् इसमें हिमांक को 32° फॉरेनहाइट तथा भाप बिंदु को 212° फॉरेनहाइट लेकर 180 बराबर भागों में बांटा गया है।
3. केल्विन पैमाना
इस पैमाने पर निम्नतम बिंदु 273° तथा उच्चतम 373° होता है। इसमें 100 डिग्रियों को बराबर भागों में बांटा जाता है। प्रत्येक डिग्री को 1 K कहते हैं। इस प्रकार के पैमाने को केल्विन पैमाना कहते हैं।
अर्थात् इसमें हिमांक को 273° केल्विन तथा भाप बिंदु को 373° केल्विन मानकर 100 बराबर भागों में बांटा गया है।
सेल्सियस तथा फारेनहाइट पैमाने में संबंध
यदि किसी ताप पर सेल्सियस पैमाना tC तथा फारेनहाइट पैमाना tF है तो
\large \frac{t_C}{100} = \large \frac{t_F - 32°}{180}
tC = \large \frac{5}{9} (tF – 32°)
\footnotesize \boxed { t_F = 32° + \frac{9}{5}t_C }
यही सेल्सियस को फारेनहाइट पैमाने के बीच संबंध है।
केल्विन तथा सेल्सियस पैमाने में संबंध
सेल्सियस पैमाने पर ताप tC तथा केल्विन पैमाने पर K है तो
\footnotesize \boxed { K = t_C + 273 }
केल्विन, सेल्सियस तथा फारेनहाइट पैमाने पर संबंध का सूत्र
\footnotesize \boxed { \frac{C}{5} = \frac{F - 32}{9} = \frac{K - 273}{5} }
ऊष्मा
ऊष्मा सदैव उच्च ताप से निम्न ताप की ओर बहती है। ऊष्मा (heat in Hindi), ऊर्जा का ही एक रूप है। जिसके कारण हमें गर्मी तथा ठंड का एहसास होता है।
आसान शब्दों में कहें तो, ऊष्मा वह ऊर्जा है जो वस्तुओं की अवस्था में परिवर्तन कर सकती है।
जैसे – पानी को गर्म करने पर उसका भाप बनकर उड़ जाना आदि।
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ऊष्मा का मात्रक
(i) ऊष्मा का SI मात्रक जूल होता है।
(ii) ऊष्मा का CGS पद्धति में मात्रक कैलोरी होता है।
(iii) ऊष्मा का MKS पद्धति में मात्रक किलोकैलोरी होता है।
1 कैलोरी = 4.8 जूल
1 किलोकैलोरी = 4.18 × 103 जूल
ऊष्मा की विमा
चूंकि ऊष्मा का मात्रक जूल होता है। तब इसका विमीय सूत्र [ML2T-2] होता है।
ऊष्मा तथा ताप में अंतर
S.N. | ऊष्मा | ताप |
1 | ऊष्मा उच्च गर्म वस्तु से निम्न गर्म वस्तु की ओर चलती है। | ताप, वस्तु को गर्म करने पर बढ़ता है एवं ठंडा करने पर घटता है। |
2 | ऊष्मा का मापन जूल द्वारा किया जाता है। | ताप का मापन केल्विन द्वारा किया जाता है। |
3 | ऊष्मा किसी वस्तु में विद्यमान ऊर्जा को कहते हैं। | ताप किसी वस्तु में विद्यमान ऊर्जा के मापन को कहते हैं। |
4 | ऊष्मा को Q द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। | ताप को T, t द्वारा प्रदर्शित करते हैं। |