द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम क्या है उदाहरण सहित समझाइए | law of mass action in Hindi

अनेक उत्क्रमणीय अभिक्रियाओं के प्रायोगिक अध्ययन के आधार पर नॉर्वे के दो रासायनज्ञों कैटो मैक्सिमिलियन गुल्डबर्ग और पीटर वागे ने सन् 1864 ई० में एक नियम प्रस्तुत किया जिसे द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम (law of mass action in Hindi) कहते हैं।

द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम

इस नियम के अनुसार, स्थिर ताप पर किसी पदार्थ की अभिक्रिया करने की दर पदार्थ के सक्रिय द्रव्यमान के समानुपाती होती है। तथा रासायनिक अभिक्रिया की दर अभिकारको के सक्रिय द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होती है।

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द्रव्य अनुपाती क्रिया के नियम के उदाहरण

1. माना स्थिर ताप पर V लीटर आयतन के बंद पात्र में a मोल H2 की जब b मोल I2 के साथ अभिक्रिया कराई जाती है। तो कुछ समय बाद साम्य स्थापित होने पर 2x मोल HI बनती है। तब
Note – अभिक्रिया की समीकरण के अनुसार 2 मोल HI के बनने में 1 मोल H2 तथा 1 मोल I2 प्रयुक्त होती है। तब इस प्रकार 2x मोल HI के बनने में x मोल H2 तथा x मोल I2 प्रयुक्त होगी। तो इस प्रकार

द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम

तब H2, I2 तथा HI की साम्य सांद्रताओं के मान
[H2] = \frac{a - x}{V} , [I2] = \frac{b - x}{V} तथा [HI] = \frac{2x}{V}
साम्य स्थिरांक Kc = \frac{[HI]^2}{[H_2][I_2]}
मान रखने पर साम्य स्थिरांक
Kc = \frac{(2x/V)^2}{(a - x/V) (b - x/V)}
Kc = \frac{4x^2}{(a - x) (b - x)}
\footnotesize \boxed { K_c = \frac{4x^2}{(a - x) (b - x)} }
अतः अभिकारको तथा उत्पादों की साम्य सांद्रताएं ज्ञात होने पर अभिक्रिया के साम्य स्थिरांक की गणना की जा सकती है।

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2. अभिक्रिया H2(g) + I2(g) \rightleftharpoons 2HI(g) के लिए यदि H2, I2 तथा HI की साम्यावस्था में सांद्रताएं क्रमशः 16, 6 तथा 56 मोल/लीटर हैं तो अभिक्रिया के साम्य स्थिरांक की गणना कीजिए?

हल – H2(g) + I2(g) \rightleftharpoons 2HI(g)
साम्य स्थिरांक Kc = \frac{[HI]^2}{[H_2][I_2]}
जहां [H2], [I2] तथा [HI] की H2, I2 तथा HI साम्यावस्था में मोलर सांद्रताओं को निरूपित करते हैं। तो
[H2] = 16 मोल/लीटर
[I2] = 6 मोल/लीटर
[HI] = 56 मोल/लीटर
मान रखने पर साम्य स्थिरांक
Kc = \frac{(56)^2}{16 × 6}
Kc = \frac{56 × 56}{16 × 6}
अतः अभिक्रिया का साम्य स्थिरांक \footnotesize \boxed { K_c = 32.67 }

सक्रिय द्रव्यमान

तनु विलयन या गैस प्रावस्था में पदार्थ की मोलर सांद्रता को उसका सक्रिय द्रव्यमान (active mass in Hindi) कहते हैं।
पदार्थ का सक्रिय द्रव्यमान = मोलर सांद्रता
चूंकि मोलर सांद्रता = \frac{पदार्थ\,के\,मोलों\,की\,संख्या}{आयतन\,(लीटर\,में)}
या मोलर सांद्रता = \frac{पदार्थ\,का\,भार/पदार्थ\,का\,अणुभार}{आयतन\,(लीटर\,में)}
तब \footnotesize \boxed { सक्रिय\,द्रव्यमान = \frac{पदार्थ\,के\,मोलों\,की\,संख्या}{आयतन\,(लीटर\,में)} } मोल/लीटर


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