मैक्सवेल के समीकरण
वैज्ञानिक मैक्सवेल ने विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्रों से संबंधित नियमों को एक गणितीय रूप में स्थापित किया। इसलिए ही इन नियमों को मैक्सवेल के समीकरण Maxwell equation in hindi कहते हैं
यह समीकरण निम्न प्रकार है –
1. विद्युत संबंधी गौस का नियम
इस नियम के अनुसार, किसी बंद पृष्ठ से गुजरने वाला कुल विद्युत फ्लक्स, उस पृष्ठ पर उपस्थित कुल आवेश का 1/ε0 गुना होता है।
यदि बंद पृष्ठ का क्षेत्रफल A तथा आवेश q है और विद्युत क्षेत्र E हो तब यह नियम इस प्रकार लिख सकते हैं
\oint \overrightarrow{E}•\overrightarrow{dA} = \frac{q}{ε_0}
इस समीकरण को मैक्सवेल का द्वितीय समीकरण कहते हैं।
2. चुंबकत्व संबंधित गौस का नियम
किसी बंद पृष्ठ से गुजरने वाला कुल चुंबकीय फ्लक्स सदैव शून्य होता है।
यदि बंद पृष्ठ का क्षेत्रफल A हो एवं चुंबकीय क्षेत्र B है तब गौस का नियम
\oint \overrightarrow{B}•\overrightarrow{dA} = 0
इस समीकरण को मैक्सवेल का द्वितीय समीकरण कहते हैं।
3. फैराडे नियम
इस नियम के अनुसार, किसी बंद परिपथ में उत्पन्न प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिमाण उस परिपथ से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स परिवर्तन की ऋणात्मक दर के बराबर होता है।
यदि प्रेरित विद्युत वाहक बल e तथा चुंबकीय फ्लक्स ϕB हो तो यह नियम
\large e = - \frac{dΦ_B}{dt}
यदि परिपथ की सीमा रेखा से बिंदु तक की लंबाई dl तथा इस पर विद्युत क्षेत्र E है तब प्रेरित विद्युत वाहक बल
e = \oint \overrightarrow{E}•\overrightarrow{dℓ}
अब e का मान रखने पर फैराडे नियम
\oint \overrightarrow{E}•\overrightarrow{dℓ} = - \frac{dΦ_B}{dt}
यह मैक्सवेल का तृतीय समीकरण है।
4. एम्पीयर मैक्सवेल नियम
इस नियम के अनुसार, किसी बंद पृष्ठ की सीमा के अनुदिश चुंबकीय क्षेत्र का रेखीय समाकल उस परिपथ पर उपस्थित कुल धारा (अर्थात चालन धारा एवं विस्थापन धारा) के योग का µ0 गुना होता है।
यदि परिपथ का चुंबकीय क्षेत्र B तथा लघु दूरी dℓ है एवं चालन धारा ic और विस्थापन धारा id हो तब यह नियम
\oint \overrightarrow{B}•\overrightarrow{dℓ} = µ0(ic + id)
जहां विस्थापन धारा id का मान \large ε_0 \frac{dΦ_B}{dt} के बराबर होता है।
यह मैक्सवेल का चतुर्थ समीकरण है।
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Thanks brother
Thank sir
Maja aa gya sir ji