मिथाइल अल्कोहल (मेथेनॉल)
मिथाइल अल्कोहल या मेथेनॉल (methanol in Hindi) , अल्कोहल परिवार का प्रथम सदस्य है। यह लकड़ी के भंजक आसवन द्वारा प्राप्त किया जाता है जिस कारण इसे काष्ठ स्र्पिट भी कहते हैं।
Note – मिथाइल अल्कोहल, मेथिल एल्कोहल तथा मेथेनॉल यह तीनों नाम एक ही हैं आप इन में से किसी एक का भी नाम प्रयोग कर सकते हैं। मेथेनॉल, इसका आईयूपीएसी नाम है।
मिथाइल अल्कोहल बनाने की विधि
मिथाइल अल्कोहल का औद्योगिक स्तर पर निर्माण कार्बन मोनोऑक्साइड के उत्प्रेरकीय हाइड्रोजनीकरण द्वारा किया जाता है।
इस विधि में कार्बन मोनो ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन के मिश्रण को 300°C (573K) ताप तथा 200 वायुमंडलीय दाब पर ZnO–Cr2O3 उत्प्रेरक की उपस्थिति में क्रिया कराई जाती है जिससे मिथाइल अल्कोहल या मेथेनॉल का निर्माण होता है।
CO + 2H2 \xrightarrow [573K-200atm] {ZnO-Cr_2O_3} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3OH \\ मेथेनॉल \end{array}
मेथेनॉल के गुण
- मेथेनॉल रंगहीन द्रव है इसका क्वथनांक 64°C (337K) होता है।
- मेथेनॉल जल में पूर्ण विलेय है। चूंकि यह जल के अणुओं के साथ हाइड्रोजन बंध बनाती है।
- यह अत्यधिक विषैली होती है। इसकी बहुत कम मात्रा में सेवन करने से व्यक्ति अंधा हो सकता है एवं उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
- वसा, तेल आदि के लिए यह एक विलायक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
मिथाइल अल्कोहल के उपयोग
- मिथाइल अल्कोहल का उपयोग पेंट और वार्निश के लिए विलायक के रूप में होता है।
- इसका मुख्य उपयोग फॉर्मेल्डिहाइड के निर्माण में किया जाता है।
- वाहनों के ईंधन के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है।
- परफ्यूम तथा औषधियों के निर्माण पर भी इसका प्रयोग किया जाता है।
मेथेनॉल तथा एथेनॉल में अंतर
1. एथिल अल्कोहल (एथेनॉल) को ठोस आयोडीन के साथ जलीय NaOH की उपस्थिति में गर्म करने पर पीले रंग का ठोस आयोडोफाॅर्म प्राप्त होता है।
CH3CH2OH + 4I2 + 6NaOH \xrightarrow {∆} \scriptsize \begin{array}{rcl} CHI_3 \\ आयोडोफाॅर्म \end{array} + HCOONa + 5NaI + 5H2O
जबकि मेथेनॉल ठोस आयोडीन के साथ कोई अभिक्रिया नहीं देता है
2. मेथेनॉल का क्वथनांक 337K होता है जबकि एथिल अल्कोहल (एथेनॉल) का क्वथनांक 351K होता है।
3. मिथाइल अल्कोहल को लकड़ी के भंजक आसवन द्वारा प्राप्त किया जाता है। जबकि एथिल अल्कोहल को शर्करा के किण्वन से प्राप्त किया जाता है।
4. काॅपर चूर्ण के साथ 473K ताप पर मेथेनॉल को गर्म करने पर फॉर्मेल्डिहाइड प्राप्त होती है।
CH3OH \xrightarrow [473K] {Cu\, चूर्ण} \scriptsize \begin{array}{rcl} HCHO \\ फॉर्मेल्डिहाइड \end{array} + H2 ↑
जबकि एथिल अल्कोहल को काॅपर चूर्ण के साथ 473K ताप पर गर्म करने पर ऐसील्डिहाइड प्राप्त होती है।
CH3CH2OH \xrightarrow [473K] {Cu\, चूर्ण} \scriptsize \begin{array}{rcl} CH_3CHO \\ ऐसील्डिहाइड \end{array} + H2 ↑
मेथेनॉल संबंधित प्रश्न-उत्तर
1. काष्ठ स्र्पिट किसे कहते हैं?
Ans. मेथेनॉल को
2. मेथेनॉल का फार्मूला क्या है?
Ans. CH3OH
Very wright