n और p टाइप अर्धचालक | n-p type semiconductor in Hindi class 12

बाह्य अर्धचालक के बारे में हम पीछे पढ़ चुके हैं। बाह्य अर्धचालक दो प्रकार का होता है।

(1) n टाइप अर्धचालक
(2) p टाइप अर्धचालक

n टाइप अर्धचालक

जब किसी शुद्ध अर्धचालक (जैसे जर्मेनियम तथा सिलिकॉन) में 5 संयोजकता वाला अपद्रव्य (जैसे आर्सेनिक, फास्फोरस तथा एंटीमनी) को मिला दिया जाता है तो इस प्रकार के मिश्रित अर्धचालक को n टाइप अर्धचालक (n type semiconductor in hindi) कहते हैं।
n टाइप अर्धचालक में बहुसंख्यक (बहुत ज्यादा) आवेश वाहक मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। तथा अल्प (बहुत कम) संख्यक आवेश वाहक कोटर होते हैं।

n टाइप अर्धचालक
n टाइप अर्धचालक

चित्र द्वारा स्पष्ट है कि यहां सिलिकॉन Si में पांच संयोजकता वाला अपद्रव्य पदार्थ फास्फोरस P को मिलाया गया है।

p टाइप अर्धचालक

जब किसी शुद्ध अर्धचालक (जैसे जर्मेनियम तथा सिलिकॉन) में 3 संयोजकता वाला अपद्रव्य (जैसे एल्यूमीनियम, बोरान तथा गैलेनियम) को मिला दिया जाता है तो इस प्रकार के मिश्रित अर्धचालक को p टाइप अर्धचालक (p type semiconductor in hindi) कहते हैं।
p टाइप अर्धचालक में बहुसंख्यक (बहुत ज्यादा) आवेश वाहक मुक्त कोटर होते हैं। तथा अल्प (बहुत कम) संख्यक आवेश वाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं।

p टाइप अर्धचालक
p टाइप अर्धचालक

चित्र द्वारा स्पष्ट है कि यहां जर्मेनियम Ge में तीन संयोजकता वाला अपद्रव्य पदार्थ बोरान B को मिलाया गया है।

बहुसंख्यक तथा अल्पसंख्यक आवेश वाहक

n टाइप अर्धचालक में इलेक्ट्रॉन तथा p टाइप अर्धचालक में कोटर बहुसंख्यक आवेश वाहक होते हैं। जबकि n टाइप अर्धचालक में कोटर तथा p टाइप अर्धचालक में इलेक्ट्रॉन अल्पसंख्यक आवेश वाहक होते हैं।

पढ़ें… 12वीं भौतिकी नोट्स | class 12 physics notes in hindi pdf

कोटर

p टाइप अर्धचालक में अपद्रव्य जो मिलाया जाता है यह परमाणु के एक ओर इलेक्ट्रॉन की ही रिक्ति होती है उसे कोटर कहते हैं।
कोटर बिल्कुल इलेक्ट्रॉन की ही तरह होता है बस इस पर धन आवेश होता है जबकि इलेक्ट्रॉन पर ऋण आवेश होता है। इस कारण ही कोटर धनावेशित कण की भांति व्यवहार करता हैं।


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