पॉलिएमाइड
एमाइड बंध (—CO–NH—) युक्त बहुलकों को पॉलिएमाइड कहते हैं। इनका निर्माण डाइऐमीन अथवा डाइ कार्बोक्सिलिक अम्लों के साथ किया जाता है। पॉलिएमाइड को नायलॉन (nylon in Hindi) भी कहते हैं। कुछ महत्वपूर्ण नायलॉन का निर्माण निम्न प्रकार से है।
नायलॉन 6,6
इसे नायलॉन छह-छह पढ़ा जाता है न कि नायलॉन छियासठ।
इसका निर्माण हेक्सामैथिलीन डाइएमीन तथा एडिटिक अम्ल के उच्च ताप उच्च दाब पर संघनन बहुलीकरण द्वारा किया जाता है।
नायलॉन 6,6 एक थर्मोप्लास्टिक है एवं इसे गलित अवस्था में रेशों में ढ़ाला जा सकता है। यह उच्च क्रिस्टलीयता युक्त होता है। इसकी तन्यता, दृढ़ता तथा प्रत्यास्थता अधिक होती है। नायलॉन 6,6 हेक्सामैथिलीन डाइएमीन तथा एडिटिक अम्ल का बहुलक है। इसका गलनांक 450°C (523K) होता है। यह अधिकांश विलायक में अविलेय है यह केवल फिनोल, फॉर्मिक अम्ल तथा क्रिसोल में विलेय है।
नायलॉन 6,6 के उपयोग – नायलॉन 6,6 का उपयोग ब्रूशों के शूक, रस्सी तथा वस्त्रों के निर्माण में किया जाता है।
नायलॉन 6
नायलॉन 6 का निर्माण कैप्रोलेक्टम एकलक के बहुलीकरण द्वारा किया जाता है।
नायलॉन 6 का उपयोग टायर की डोरियों, वस्त्रों तथा रस्सी के निर्माण में किया जाता है।
फिनोल फार्मेल्डिहाइड रेजिन (बैकेलाइट)
यह एक संघनन बहुलक है। जब फिनोल तथा फॉर्मेल्डिहाइड की क्रिया क्षारीय उत्प्रेरक की उपस्थिति में कराई जाती है। तो फिनोल फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन प्राप्त होता है। जिसे बैकेलाइट कहते हैं। इस प्रक्रिया के आरंभ में ऑर्थो और पैरा हाइड्रोक्सी मैथिल फिनोल का निर्माण होता है।
बैकेलाइट का उपयोग कंघे, फोनोग्राफ रिकॉर्ड, बिजली के स्विच तथा प्लग एवं वार्निश के निर्माण में किया जाता है।
मेलैमीन फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक
मेलैमीन बहुलक – मेलैमीन और फॉर्मेल्डिहाइड के संघनन बहुलक द्वारा इसका निर्माण होता है।
इसका उपयोग प्लास्टिक क्रॉकरी, कप प्लेट, डिनर सेट तथा सजावटी सामान के निर्माण में किया जाता है।
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