प्रकाश का ध्रुवण
जब कोई प्रकाश की तरंग किसी टूरमैलीन क्रिस्टल पर गिरती है तो क्रिस्टल से तरंग के वे कंपन ही बाहर निकलते हैं जो क्रिस्टल की अक्ष के समांतर होते हैं। एवं बाकी कंपन क्रिस्टल के कारण बाहर नहीं निकल पाते हैं वह रुक जाते हैं। तथा क्रिस्टल प्रकाश की तरंग के बाहर निकलने के बाद कंपन तरंग की चलने की लम्बवत् तल में सभी दिशाओं में समान रूप से न होकर केवल एक ही दिशा में होते हैं। इस प्रकार की तरंग को समतल ध्रुवित तरंग एवं घटना को प्रकाश का ध्रुवण (Polarisation of light in hindi) कहते हैं।
ध्रुवण की परिघटना केवल प्रकाश में ही होती है ध्वनि में यह घटना नहीं पाई जाती है। इसका कारण है कि प्रकाश की तरंगे अनुप्रस्थ तथा ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्य होती हैं।
अध्रुवित प्रकाश
वह प्रकाश जिसमें विद्युत वेक्टर के कंपन प्रकाश की तरंग के चलने की दिशा के लम्बवत् तल में, सभी दिशाओं में समान रूप से होते हैं। इस प्रकार के प्रकाश को अध्रुवित प्रकाश कहते हैं।
ध्रुवित प्रकाश
वह प्रकाश जिसमें विद्युत वेक्टर के कंपन प्रकाश की तरंग के चलने की दिशा के लम्बवत् तल में, सभी दिशाओं में समान रूप से न होकर केवल एक ही दिशा में होते हैं। इस प्रकार के प्रकाश को ध्रुवित प्रकाश कहते हैं।
समतल ध्रुवित प्रकाश
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यह ध्रुवित प्रकाश के जैसा ही होता है।
समतल ध्रुवित प्रकाश में कंपन केवल एक ही सीधी रेखा के अनुदेश होते हैं। जब कंपन वस्तु के तल के समांतर होते हैं तब समतल ध्रुवित प्रकाश को तीर द्वारा दर्शाया जाता हैं। तथा जब कंपन वस्तु के तल के लम्बवत् होते हैं तब समतल ध्रुवित प्रकाश को बिन्दुओं द्वारा दर्शाया जाता हैं।
समतल ध्रुवित प्रकाश तथा अध्रुवित प्रकाश में अन्तर
समतल ध्रुवित प्रकाश | अध्रुवित प्रकाश |
इसमें विद्युत वेक्टर के कंपन प्रकाश के संचरण की दिशा के लम्बवत् तल में सभी दिशाओं में सममित रूप से न होकर केवल एक ही दिशा में होते हैं। | इसमें विद्युत वेक्टर के कंपन प्रकाश के संचरण की दिशा के लम्बवत् तल में सभी दिशाओं में सममित (समान) रूप से होते हैं। |
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