रेडियोएक्टिवता
जब किसी पदार्थो से स्वतः ही अदृश्य किरणे उत्सर्जित होती हैं तो उन्हें रेडियोएक्टिव पदार्थ कहते हैं। एवं किसी पदार्थ से इस प्रकार की स्वतः ही अदृश्य किरणों के उत्सर्जित होने की घटना को रेडियोएक्टिवता अथवा रेडियोधर्मिता (radioactivity in hindi) कहते हैं।
रेडियोएक्टिव पदार्थ
सन् 1898 ई० में क्यूरी दंपति ने एक नए रेडियोएक्टिव पदार्थ की खोज (अविष्कार) की। उन्होंने लगभग 30 टन पिथ ब्लेंडी नामक पदार्थ पर कठोर परिश्रमी रासायनिक अभिक्रियाएं की, इस अभिक्रिया में विभिन्न प्रकार के तत्व प्राप्त हुए। सभी तत्वों को अलग करने के बाद केवल 2 मिलीग्राम रेडियम रेडियोएक्टिव पदार्थ प्राप्त हुआ।
रेडियोएक्टिव पदार्थ यूरेनियम, थोरियम, पोलोनियम, एक्टिमियम तथा रेडियम आदि रेडियोएक्टिव पदार्थ हैं इन्हें रेडियोधर्मी पदार्थ के नाम से भी जाना जाता है।
रेडियोएक्टिव क्षय का नियम
जब किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ के परमाणु से अथवा कण तथा किरणें निकलती हैं तो इस घटना से परमाणु का भार व क्रमांक में परिवर्तन हो जाता है। और एक नए तत्व के परमाणु का निर्माण होता है इस घटना को रेडियोएक्टिव क्षय कहते हैं।
इस नियम के अनुसार, ” किसी भी क्षण रेडियोएक्टिव परमाणुओं के क्षय होने की दर उस क्षण उपस्थिति रेडियोएक्टिव परमाणुओं की संख्या के अनुक्रमानुपाती होती है। “
माना किसी क्षण t पर रेडियोएक्टिव परमाणुओं की संख्या N है। तथा (t + dt) क्षण पर यह संख्या घटकर (N + dtN) हो जाती है। तब रेडियोएक्टिव परमाणुओं के क्षय होने की दर \large - \frac{dN}{dt} होगी।
अतः रदरफोर्ड सोडी के नियम अनुसार
\large - \frac{dN}{dt} ∝ N
\large - \frac{dN}{dt} = λN
जहां λ एक नियतांक है जिसे परमाणु का क्षय नियतांक कहते हैं। तो
\large \frac{dN}{dt} = – λN
\large \frac{dN}{N} = – λdt
दोनों ओर समाकलन करने पर
logN = – λt + C समी.①
जहां C समाकलन नियतांक है
यदि t = 0 पर N = N0 है तब समी.① से
logN0 = 0 + C
logN0 = C
अब C का मान समी.① में रखने पर
logN = – λt + logN0
logN – logN0 = – λt
log \large (\frac{N}{N_0}) = – λt (log सूत्र से)
\large \frac{N}{N_0} = e-λt (loga = ea)
या \footnotesize \boxed { N = N_0e^{-λt} }
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इस नियम को रदरफोर्ड सोडी नियम अथवा रेडियोएक्टिव क्षय का नियम कहते हैं।
जहां N = रेडियोएक्टिव परमाणुओं की संख्या
N0 = समय (t = 0) पर रेडियोएक्टिव परमाणुओं की संख्या
λ = रेडियोएक्टिव परमाणुओं का क्षय नियतांक
t = समय है।
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