आपेक्षिक वेग
जब दो वस्तुएं x तथा y क्रमशः vx तथा vy वेग से गतिशील होती है तो प्रति सेकंड इनके बीच के विस्थापन में होने वाले परिवर्तन को आपेक्षिक (relative diversity in Hindi) कहते हैं। आपेक्षिक वेग धनात्मक, ऋणात्मक व शून्य हो सकता है।
आपेक्षिक वेग को उदाहरण द्वारा अच्छा समझा जाएगा।
आपेक्षिक वेग का उदाहरण
माना दो व्यक्ति A और B एक सरल रेखीय पथ पर बराबर वेग से एक ही दिशा में गति कर रहे हैं। तो अब व्यक्ति A से पूछा जाए कि व्यक्ति B गतिशील है या विराम की अवस्था में। तो व्यक्ति B का जवाब होगा, विराम की अवस्था में। चूंकि व्यक्ति A को व्यक्ति B के वेग में परिवर्तन शून्य दिखाई पड़ेगा। जिस कारण व्यक्ति A को व्यक्ति B विराम अवस्था में मालूम होगा।
यदि व्यक्ति A का वेग 3 मीटर/सेकंड से पूरब की ओर गतिशील है एवं व्यक्ति B भी A के समान ही उसी दिशा में 2 मीटर/सेकंड से चलने लगे, तो 1 सेकंड में दोनों की स्थितियों में परिवर्तन 3 – 2 = 1 मीटर होगा।
अतः व्यक्ति B के सापेक्ष व्यक्ति A का आपेक्षिक वेग 1 मीटर/सेकंड होगा।
पुनः यदि व्यक्ति B, व्यक्ति A के समान पथ पर विपरीत दिशा में 2 मीटर/सेकंड के वेग से चलने लगे, तो व्यक्ति B को व्यक्ति A का वेग निश्चित रूप से अधिक लगेगा, 1 सेकंड में व्यक्तियों की स्थितियों में परिवर्तन 3 + 2 = 5 मीटर हो जाएगा।
अतः व्यक्ति B के सापेक्ष व्यक्ति A का आपेक्षिक वेग 5 मीटर/सेकंड होगा।
इससे अनेक निष्कर्ष निकलते हैं –
• व्यक्ति A के सापेक्ष व्यक्ति B का आपेक्षिक वेग, व्यक्ति B के सापेक्ष व्यक्ति A के आपेक्षिक वेग के बराबर व विपरीत होता है। क्योंकि दोनों की दिशाएं एक दूसरे के विपरीत होती हैं।
• प्रेक्षक सदैव अपने को स्थिर अवस्था में मानकर दूसरी वस्तु की गति का बोध करता है। प्रस्तुत उदाहरण में प्रेक्षक व्यक्ति B को माना गया है।
• समांतर चतुर्भुज की दो भुजाएं वास्तविक वेग को दर्शाती है।
• आपेक्षिक वेग को VAB द्वारा दर्शाया जाता है।
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Note Point –
यदि व्यक्ति A और B के वेग क्रमशः v1 व v2 हैं तो इससे निम्न बिंदु बनते हैं व्यक्ति के सापेक्ष व्यक्ति को अपेक्षित वेग –
• v2 > v1 तो आपेक्षिक वेग धनात्मक है।
• v2 < v1 तो आपेक्षिक वेग ऋणात्मक है।
• v2 = v1 तो आपेक्षिक वेग शून्य है।