रेनॉल्ड संख्या
रेनॉल्ड संख्या द्वारा यह बताया जाता है कि द्रव का प्रवाह, धारा रेखीय है या विक्षुब्ध है। अर्थात्
वैज्ञानिक रेनॉल्ड ने तरल पदार्थों के प्रवाह पर एक नियम का प्रतिपादन किया है जिसे रेनॉल्ड संख्या नियम कहते हैं।
इसके द्वारा किसी तरल का प्रवाह धारा रेखीय है अथवा विक्षुब्ध, प्रवाह होना एक अनुपात पर आधारित होता है। इस अनुपात को ही रेनॉल्ड संख्या (Reynold’s number in Hindi) कहते हैं। इसे Re द्वारा दर्शाया जाता है।
रेनॉल्ड संख्या, द्रवों के बीच लगने वाले जड़त्व बल तथा श्यान बल के अनुपात के बराबर होती है। जबकि परतों का क्षेत्रफल एकांक हो
Re = \frac{प्रति\,एकांक\,क्षेत्रफल\,पर\,जड़त्वीय\,बल}{प्रति\,एकांक\,क्षेत्रफल\,पर\,श्यान\,बल}
माना द्रव का प्रवाह किसी पाइप में हो रहा है जिसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A यह तथा इसका व्यास d है तो
A क्षेत्रफल पर जड़त्वीय बल = संवेग परिवर्तन
जड़त्वीय बल = mv
माना द्रव का घनत्व ρ तथा आयतन V हो तो
जड़त्वीय बल = (V × ρ)v
जड़त्वीय बल = (Avρ)v (चूंकि V = A × v)
जड़त्वीय बल = Aρv2
A = 1 अतः एकांक क्षेत्रफल पर जड़त्वीय बल = ρv2 समी.①
यदि द्रव का श्यानता गुणांक η तथा व्यास d है तो
श्यान बल = ηA \frac{v}{d}
A = 1 अतः एकांक क्षेत्रफल पर जड़त्वीय बल = η \frac{v}{d} समी.②
अब रेनॉल्ड संख्या = \frac{जड़त्वीय\,बल}{श्यान\,बल}
समी.① व समी.② के मान रखने पर
Re = \frac{ρv^2}{ηv/d}
\footnotesize \boxed { R_e = \frac{ρvd}{η} }
अर्थात रेनॉल्ड संख्या, जड़त्वीय बल तथा श्यान बल के अनुपात के बराबर होती है।
रेनॉल्ड संख्या एक मात्रकहीन तथा विमाहीन राशि है। अर्थात्
Re की विमा = [LT-1] [ML-3] × [L]/[ML-1T-1]
Re की विमा = [M0L0T0]
अतः Re एक विमाहीन राशि है।
पढ़ें… 11वीं भौतिक नोट्स | 11th class physics notes in Hindi
Note –
• यदि रेनॉल्ड संख्या का मान 2000 से कम है तो उसका प्रवाह धारा रेखीय होता है।
• यदि रेनॉल्ड संख्या का मान 3000 से अधिक है तो द्रव का प्रवाह विक्षुब्ध होता है।
• यदि रेनॉल्ड संख्या का मान 2000 और 3000 के बीच है तो द्रव का प्रवाह धारा रेखीय तथा विक्षुब्ध कुछ भी हो सकता है।