साबुन
उच्च वसीय अम्लों जैसे – स्टिएरिक अम्ल, पामिटिक अम्ल के सोडियम या पोटैशियम लवण साबुन (soaps in Hindi) कहलाते हैं। इनका निर्माण तेलों और वसाओं के तनु सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) या तनु पोटैशियम हाइड्रोक्साइड (KOH) के जल अपघटन द्वारा होता है।
तेल अथवा वसा का NaOH अथवा KOH के विलयन द्वारा जल अपघटन करने पर ग्लिसरॉल तथा साबुन बनते हैं। इस प्रक्रिया को साबुनीकरण (saponification in Hindi) कहते हैं।
साबुन के प्रकार
सामान्यतः साबुन दो प्रकार के होते हैं।
1. कठोर साबुन
2. मृदु साबुन
1. कठोर साबुन
उच्च वसीय अम्लों के सोडियम अथवा पोटैशियम जिनमें संतृप्त वसीय अम्लों के लवणों का अनुपात अधिक होता है। उन्हें कठोर साबुन कहते हैं। यह अधिक कठोर तथा अल्प घुलनशील होते हैं।
2. मृदु साबुन
असंतृप्त वसीय अम्लों (जैसे तेल) के पोटैशियम लवणों के मिश्रण को मृदु साबुन कहते हैं। यह कोमल तथा अधिक घुलनशील होते हैं इसलिए इन्हें द्रव साबुन भी कहते हैं।
Note – 12वीं NCERT रसायन बुक के अनुसार साबुन निम्न प्रकार के होते हैं।
1. प्रसाधन साबुन – इन साबुनों को उत्तम प्रकार के वसा व तेलों के द्वारा बनाया जाता है। यह मृदु साबुन होते हैं इनमें रंग तथा सुगंध का प्रयोग किया जाता है ताकि इन्हें अधिक आकर्षक बनाया जा सके।
2. जल में तैरने वाले साबुन – इन साबुनों का निर्माण छोटे-छोटे वायु के बुलबुलों को कठोर होने से पहले विस्पंदित करके किया जाता है।
3. पारदर्शी साबुन – इस प्रकार के साबुनों का निर्माण, साबुन को एथेनॉल में विलेय करके तथा फिर अतिरिक्त विलायक में वाष्पित करके किया जाता है।
4. औषध साबुन – औषध साबुनों में औषधीय गुण के पदार्थ को मिलाया जाता है। इन साबुनों को चिकित्सीय साबुन भी कहते हैं।
5. दाढ़ी बनाने वाले साबुन – इस प्रकार के साबुनों में ग्लिसरॉल होता है। जिससे यह साबुन जल्दी नहीं सूखते हैं। इनमें रोजिन नामक गोंद मिलाई जाती है। जो सोडियम रोजिनेट बनाता है इससे जिससे साबुन में झाग बनते हैं।
6. धुलाई के साबुन – इन साबुनों में सोडियम रोजिनेट, सोडियम सिलिकेट तथा बोरेक्स जैसे पदार्थों को मिलाया जाता है। धुलाई के साबुन कठोर होते हैं।
Note – साबुन संबंधी एक प्रश्न बहुत महत्वपूर्ण है जो परीक्षाओं में आता है।
साबुन कठोर जल में कार्य क्यों नहीं करते हैं?
कठोर जल में कैल्शियम (Ca2+) तथा मैग्नीशियम (Mg2+) के आयन होते हैं। जब सोडियम और पोटैशियम साबुन को कठोर जल में मिलाया जाता है। तो यह कैल्शियम तथा मैग्नीशियम अविलेय साबुन में परिवर्तित हो जाते हैं।
कठोर जल की उपस्थिति में सोडियम या पोटैशियम साबुन का कैल्शियम या मैग्नीशियम साबुन में परिवर्तन हो जाता है। इसी कारण ही यह अच्छी धुलाई अर्थात् गंदी वस्तु को साफ नहीं कर पाते हैं। यह कठोर जल के साथ झाग नहीं बनाते हैं। कठोर जल और साबुन से धुले हुए कपड़ों पर एक चिपचिपा पदार्थ दिखाई देने लगता है यह जल में अविलेय होता है। यही कारण है कि सामान्य रूप से प्रयोग किए जाने वाले सोडियम और पोटैशियम साबुन कठोर जल में कार्य नहीं करते हैं।
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