सल्फर
सल्फर पीले रंग का भंगुर क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। प्राचीन काल में इसका उपयोग औषधियों तथा कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता था। सल्फर जल में अविलेय है लेकिन कार्बन डाईसल्फाइड में विलेय हो जाता है। एवं यह एल्कोहोल में अल्प विलेय है।
सल्फर ऊष्मा का दुर्बल चालक है एवं विद्युत का कुचालक है। अर्थात सल्फर में विद्युत धारा का प्रवाह नहीं होता है।
सल्फर के भौतिक गुण
- सल्फर पीले रंग का भंगुर क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है।
- यह अनेक अपरूपता प्रदर्शित करता है दो अपरूप के बारे में नीचे समझाया गया है।
- इसका मनुष्य के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन कुछ जीव-जंतुओं पर यह विषैला प्रभाव डालता है।
- यह जल में अविलेय तथा कार्बन डाईसल्फाइड में विलेय है। तथा यह एल्कोहल एवं ईथर में कम घुलनशील है।
सल्फर के रासायनिक गुण
- सल्फर गर्म क्षारों में विलेय होकर सल्फाइडों का निर्माण करती हैं।
4S + 6KOH \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} 2K_2S \\ पोटैशियम\,सल्फाइड \end{array} + K2•S2O3 + 3H2O - सल्फर को धातुओं के साथ गर्म करने पर सल्फाइडों का निर्माण होता है।
Fe + S \longrightarrow FeS
Hg + S \longrightarrow HgS - सल्फर अधातुओं के साथ क्रिया करके सल्फाइडों का निर्माण करती है।
C + 2S \longrightarrow CS2
2P + 5S \longrightarrow P2S5 - सल्फर को अम्लों के साथ गर्म करने पर यह अम्लों को अपचयित कर देता है।
S + 2H2SO4 \longrightarrow 3SO2 + 2H2O
सल्फर के उपयोग
सल्फर का उपयोग अधिक मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड के निर्माण में होता है।
इसका उपयोग माचिस उद्योग तथा आतिशबाजी में किया जाता है।
इसका उपयोग औषधियों तथा कीटाणुनाशक में भी किया जाता है।
सल्फर के अपरूप
सल्फर में अनेक अपरूप प्रदर्शित होते हैं। इन सभी अपरूपों के भौतिक गुण भिन्न-भिन्न होते हैं।
सल्फर के कुछ प्रमुख अपरूप निम्न प्रकार से हैं।
1. विषम लंबाक्ष सल्फर
यह सल्फर का सबसे सामान्य तथा स्थिर अपरूप है। यह पीले रंग का होता है इसे α-सल्फर कहा जाता है। α-सल्फर का गलनांक 385.8K तथा विशिष्ट घनत्व 2.06 ग्राम/सेमी3 होता है।
विषम लंबाक्ष सल्फर जल में विलेय है जबकि कार्बन डाईसल्फाइड में विलेय है। कमरे के ताप पर इसका अणुसूत्र S8 प्राप्त होता है।
2. एकनताक्ष सल्फर
इसकी अणु संरचना विषम लंबाक्ष सल्फर के समान ही होती है। इसका गलनांक 393K तथा विशिष्ट घनत्व 1.98 ग्राम/सेमी3 होता है। इसे β-सल्फर भी कहा जाता है।
यह जल में अविलेय होता है जबकि कार्बन डाईसल्फाइड में विलेय है इसका भी अणुसूत्र S8 प्राप्त होता है।
β-सल्फर रंगहीन, सुई के आकार का क्रिस्टल बनता है। यह 369K ताप पर स्थायी है। अर्थात इसके नीचे तक जाने पर यह α-सल्फर में परिवर्तित हो जाता है।