संश्लेषित अपमार्जक
साबुन के अतिरिक्त कुछ अन्य प्रकार के कार्बनिक यौगिक भी होते हैं जिनमें साबुन की भांति ही बेहतर स्वच्छीकारक तथा झाग उत्पन्न करने का गुण होता है। उन्हें अपमार्जक (detergent in Hindi) कहते हैं। अपमार्जक कठोर एवं मृदु दोनों प्रकार के जल में झाग बनाते हैं। इसलिए इसका उपयोग दोनों प्रकार के जल में किया जाता है। अपमार्जक में साबुन के सभी गुण होते हैं जबकि वास्तव में यह साबुन नहीं होते हैं।
संश्लेषित अपमार्जक साबुन के स्थान पर कपड़े धोने तथा बर्तन व अन्य घरेलू वस्तुओं को साफ करने में उपयोग किए जाते हैं।
अपमार्जक के प्रकार
संश्लेषित अपमार्जकों को तीन भागों में बांटा गया है।
1. ऋणायनिक अपमार्जक
2. धनायनिक अपमार्जक
3. अनायनिक अपमार्जक
1. ऋणायनिक अपमार्जक
ऋणायनिक अपमार्जक लंबी श्रंखला वाले एल्कोहलों या हाइड्रोकार्बनों के सल्फोनेटिक व्युत्पन्न होते हैं।
लंबी श्रंखला वाले एल्कोहलों को सांद्र H2SO4 से अभिक्रिया कराने पर एल्किल हाइड्रोजन सल्फेट बनते हैं। जिनको क्षार द्वारा उदासीन करने पर ऋणायनिक अपमार्जक प्राप्त होते हैं।
जैसे – एल्किल बेंजीन सल्फोनेट, एल्किल बेंजीन सल्फोनिक अम्ल आदि।
ऋणायनिक अपमार्जक लंबी श्रंखला वाले एल्कोहल के सोडियम लवण होते हैं।
उदाहरण – सोडियम लॉरिल सल्फेट तथा डोडेसिल बेंजीन सल्फोनेट ऋणायनिक अपमार्जक के उदाहरण हैं। इनका सबसे अधिक उपयोग घरेलू कार्यों में किया जाता है।
2. धनायनिक अपमार्जक
यह ऐमीनों के एसीटेट, क्लोराइड अथवा ब्रोमाइड के साथ बने चतुष्क लवण होते हैं। धनायनिक अपमार्जक में हाइड्रोकार्बन की लंबी श्रंखला होती है। तथा नाइट्रोजन अणु पर एक धन आवेश होता है। जिस कारण इसे धनायनिक अपमार्जक कहते हैं।
उदाहरण – सेटिल ट्राइमेथिल अमोनियम ब्रोमाइड धनायनिक अपमार्जक का एक प्रचलित उदाहरण है। इसका उपयोग केस कंडीशनरों में किया जाता है। इनमें जीवाणु नाशक का गुण भी पाया जाता है।
3. अनायनिक अपमार्जक
अनायनिक अपमार्जकों की संरचना में कोई आयन नहीं पाया जाता है। यह स्टीएरिक अम्ल तथा पॉलीएथिल ग्लाइकोल के बीच अभिक्रिया के द्वारा बनते हैं।
इन अनायनिक अपमार्जकों का उपयोग बर्तन धोने में किया जाता है।
संश्लेषित अपमार्जक के गुण
संश्लेषित अपमार्जक उच्च अणुभार वाले जल में विलेय कार्बनिक लवण होते हैं। इनका जलीय विलयन उदासीन होता है। साबुन का उपयोग केवल मृदु जल में ही किया जाता है। जबकि संश्लेषित अपमार्जक कैल्शियम और मैग्नीशियम लवणों के साथ अवक्षेप नहीं बनाता है। इसलिए संश्लेषित अपमार्जक का उपयोग कठोर और मृदु दोनों प्रकार के जल में किया जाता है। साबुन कठोर जल में देरी से झाग बनाता है। तथा इससे चिपचिपा अवक्षेप बनता है। जिससे जल की कठोरता ज्ञात की जा सकती है। संश्लेषित अपमार्जक ऊनी, सूती, रेशमी वस्त्रों तथा बर्तनों को साफ करने में उपयोग किए जाते हैं।