परमाणु की संरचना के अंतर्गत हम कई तथ्यों पर चर्चा कर चुके हैं। प्रस्तुत लेख में हम परमाणु का थॉमसन मॉडल (Thomson’s atomic model in Hindi) टॉपिक का अध्ययन करेंगे।
परमाणु का थॉमसन मॉडल
सर जे. जे. थॉमसन ने कैथोड किरणों और कैनाल किरणों पर किए गए प्रयोगों के आधार पर प्रथम परमाणु मॉडल प्रस्तुत किया। एवं थॉमसन ने बताया कि, परमाणु अति अति सूक्ष्म गोलाकार विद्युत उदासीन कण है जिसमें धनावेश समान रूप से वितरित रहता है एवं इसके ऊपर इलेक्ट्रॉन इस प्रकार स्थित होते हैं कि उनमें स्थायी स्थिर विद्युत व्यवस्था प्राप्त हो जाती है। थॉमसन के परमाणु मॉडल को तरबूज मॉडल भी कहा गया है। चूंकि इसमें परमाणु का धन आवेशित भाग तरबूज के लाल भाग की तरह होता है। और ऋण आवेशित भाग तरबूज में धंसे बीजों की तरह होता है।
थॉमसन के परमाणु मॉडल के दोष
- थॉमसन का परमाणु मॉडल हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की व्याख्या करने में असफल रहा।
- थॉमसन का परमाणु मॉडल सन् 1911 में रदरफोर्ड के α-कणों के प्रयोग के निष्कर्षण की व्याख्या करने में असफल रहा।
थॉमसन का परमाणु मॉडल में ज्यादा थ्योरी नहीं है। बस दो ही दोष हैं और थोड़ी सी परिभाषा है इसलिए यह लेख कुछ छोटा है लेकिन इसमें हमने परमाणु के थॉमसन मॉडल को पूरा कवर किया है ताकि आप सभी students को समझने में परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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Mast