प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन क्या होता है, सूत्र, शर्त तथा उदाहरण, class 12

पूर्ण आंतरिक परावर्तन

जब प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है तो इसका कुछ भाग परावर्तित होकर वापस लौट आता है। तथा अधिकांश भाग अपवर्तित होकर विरल माध्यम में चला जाता है। तब इस स्थिति में आपतन कोण, परावर्तन कोण से कम हो जाता है।
अब यदि आपतन कोण को बढ़ाया जाता है तो साथ-साथ परावर्तन कोण भी बढ़ता जाता है। तथा एक ऐसी स्थिति आ जाती है जब परावर्तन कोण का मान 90° हो जाता है। तब बने आपतन कोण को क्रांतिक कोण कहते हैं जैसे चित्र (c) से स्पष्ट है

प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन

अब आपतन कोण के मान को और बढ़ाया जाता है तो इस दिशा में प्रकाश की किरण सघन माध्यम में वापस लोट आती है। तथा विरल माध्यम में बिल्कुल नहीं जाती है। इस घटना को पूर्ण आंतरिक परावर्तन (total internal reflection in hindi) कहते हैं।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की परिभाषा

आसान शब्दों में पूर्ण आंतरिक परावर्तन की परिभाषा –
जब कोई प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है। तथा आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो जाता है तब विरल माध्यम में प्रकाश की किरण का अपवर्तन नहीं होता है। बल्कि संपूर्ण प्रकाश परावर्तित होकर सघन माध्यम में ही वापस लौट आती है। इस घटना को पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्त

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की घटना तभी घटित होती है जब यह दो शर्तें पूरी हो जाती हैं। अर्थात् पूर्ण आंतरिक परावर्तन की दो शर्ते हैं।

  1. प्रकाश, सघन माध्यम से विरल माध्यम की ओर जाना चाहिए।
  2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए।
    पढ़ें – हीरे का चमकना, रेगिस्तान में मरीचिका

पूर्ण आंतरिक परावर्तन के उदाहरण

पूर्ण आंतरिक परावर्तन के अनेकों उदाहरण हैं जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में भी देखते हैं। यह कुछ उदाहरण दिए गए हैं

  1. जल में रखी कांच की परखनली का चमकना
  2. कांच में पड़ी दरारों का चमकीला दिखाई देना
  3. रेगिस्तान व ठंडे देशों की मरीचिका
  4. जल में बने हवा के बुलबुले का चमकीला दिखाई देना
    अतः यह सब पूर्ण आंतरिक परावर्तन के उदाहरण हैं।

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