सर थॉमस यंग ने सन 1801 ई० में व्यतिकरण को द्विक रेखा छिद्र के प्रयोग की घटना को देखा। जो कि चित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है इस प्रयोग को ही यंग का द्विक रेखा छिद्र प्रयोग कहते हैं।
यंग का व्यतिकरण प्रयोग
चित्र के अनुसार S एक रेखा छिद्र है जो कि L पर्दे में उपस्थित है। इस पर्दे से आगे की ओर कुछ दूरी पर एक अन्य पर्दा M है जिस पर दो रेखा छिद्र S1 व S2 हैं। जो छिद्र S से बराबर बराबर दूरी पर हैं तथा छिद्र रेखा S से उपर नीचे हैं। पर्दे M के आगे कुछ दूरी पर एक और अन्य पर्दा N है।
जब पहले पर्दे के रेखा छिद्र S पर एकवर्णी प्रकाश गिराया जाता है तो पर्दे L से प्रकाश निकलकर दूसरे पर्दे M के दो छिद्रों S1 व S2 से होकर गुजरता है। तथा पर्दे पर समान चौड़ाई की दीप्त तथा अदीप्त पट्टियां एकांतर क्रम में बनने लगती हैं जो चित्र में B और D से दर्शाई गई है। इस दीप्त तथा अदीप्त पट्टियों को फ्रींज कहते हैं। एवं फ्रींजो का यह समूह रेखा छिद्र का व्यतिकरण प्रतिरूप कहलाता है चित्र में देखें।
यंग के प्रयोग संबंधी प्रश्न
(1) यंग के द्विक रेखा छिद्र प्रयोग में उन बिंदुओं पर तीव्रता का अनुपात ज्ञात कीजिए, जहां छिद्र से निर्गत तरंगों के बीच पथांतर λ तथा λ/6 है।
हल –
जब पथांतर λ है तो कलांतर ɸ1 = 2π/λ × λ = 2π
जब पथांतर λ है तो कलांतर ɸ2 = 2π/λ × λ/6 = π/3
तीव्रता के समीकरण से I = I1 + I2 + 2 \small \sqrt{I_1\,I_2} cosɸ
ɸ1 के लिए तीव्रता
I’ = I1 + I2 + 2 \small \sqrt{I_1\,I_2} cos2π
I’ = 2I + 2I = 4I
ɸ2 के लिए तीव्रता
I” = I1 + I2 + 2 \small \sqrt{I_1\,I_2} cosπ/6
I’ = 2I + 2I × 1/2 = 3I
अतः तीव्रताओं का अनुपात = I’/I” = 4I/3I = 4 : 3 Ans.
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(2) यंग के द्विक छिद्र प्रयोग में छिद्र के बीच की दूरी 2 × 10-3 मीटर है। तथा छिद्रों और पर्दो के बीच की दूरी 3.0 मीटर है एवं फ्रिंज चौड़ाई 2.1 × 10-3 मीटर है। तब प्रयोग में प्रकाश की तरंगदैध्य ज्ञात कीजिए –
हल –
दिया है d = 2 × 10-3 मीटर
W = 2.1 × 10-3 मीटर
D = 3.0 मीटर
λ = ?
सूत्र W = \large \frac{Dλ}{d} से
λ = \large \frac{Wd}{D}
λ = \frac{2.1 × 10^{-3} × 2 × 10^{-3}}{3.0}
λ = 1.7 × 10-6 मीटर
तरंगदैध्य λ = 1.7 × 10-6 मीटर And.
Youngs double elite experiment