अम्ल
आरेनियस के आयनिक सिद्धांत के अनुसार, वे पदार्थ जो जल में अपघटित होकर हाइड्रोजन के धनायन H+ देते हैं अम्ल (acids in Hindi) कहलाते हैं।
उदाहरण HNO3, HCl तथा CH3COOH आदि अम्ल के उदाहरण हैं।
HCl(aq) \rightleftharpoons H+(aq) + Cl–(aq)
Note – ब्रॉन्स्टेड तथा लोरी के अनुसार अम्ल वे पदार्थ होते हैं जो विलयन में दूसरे पदार्थ को प्रोटोन देने में सक्षम होते हैं।
जैसे – HCl को जल में घुलने पर यह जल को H+ देने में सक्षम होता है।
HCl + H2O \rightleftharpoons H3O+ + Cl–
पढ़ें… उत्क्रमणीय और अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया किसे कहते हैं अंतर स्पष्ट कीजिए
अम्ल का आयनन स्थिरांक
दुर्बल अम्ल जलीय विलयन में आंशिक रूप से आयनित होते हैं किसी दुर्बल अम्ल के जलीय विलयन में अम्ल के अवियोजित अणुओं एवं आयनों H+(aq) के मध्य स्थापित साम्यावस्था को प्रदर्शित किया जा सकता है।
उदाहरण – एसीटिक अम्ल CH3COOH के तनु जलीय विलयन में अम्ल के अवियोजित अणुओं एवं आयनों के मध्य साम्यावस्था स्थापित है।
CH3COOH \rightleftharpoons H+ + CH3COO–
इस पर द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम लगाने पर साम्य स्थिरांक व्यंजक
Ka = \frac{[H^+] [CH_3COO^-]}{[CH_3COOH]}
जहां [H+] = H+ आयन को, [CH3COO–] = CH3COO– आयन को तथा [CH3COOH] = CH3COOH अवियोजित अणुओं की मोलर सांद्रता को निरूपित करते हैं। तथा Ka को अम्ल (CH3COOH) का वियोजन या आयनन स्थिरांक कहते हैं।
कुछ दुर्बल अम्लों के आयनन स्थिरांक
अम्ल | आयनन स्थिरांक Ka |
नाइट्रस अम्ल (HNO2) | 3.5 × 10-4 |
हाइड्रोफ्लुरिक अम्ल (HF) | 4.5 × 10-4 |
फार्मिक अम्ल (HCOOH) | 1.8 × 10-4 |
बेंजोइक अम्ल (C6H5COOH) | 6.5 × 10-5 |
हाइड्रोसायनिक अम्ल (HCN) | 4.9 × 10-10 |
फिनोल (C6H5OH) | 1.3 × 10-10 |
क्षार
आरेनियस के सिद्धांत के अनुसार, वे पदार्थ जो जलीय विलयन में हाइड्रोक्साइड आयन (OH–) देते हैं। क्षारक (bases in Hindi) कहलाते हैं।
उदाहरण – NaOH, KOH, NH4OH आदि क्षार के उदाहरण हैं।
NaOH(aq) \rightleftharpoons Na+(aq) + OH–(aq)
Note – ब्रॉन्स्टेड तथा लोरी के अनुसार क्षार वे पदार्थ होते हैं। जो विलयन से प्रोटोन H+ ग्रहण करने में सक्षम होते हैं।
क्षारक का आयनन स्थिरांक
दुर्बल क्षारक जलीय विलयन में आंशिक रूप से वियोजित होते हैं।
क्षारक NH4OH का आयनन निम्न समीकरण द्वारा लिखा जा सकता है।
NH4OH(aq) \rightleftharpoons NH4+(aq) + OH–(aq)
दुर्बल क्षारक (NH4OH) जब भी अम्ल आयनन साम्यावस्था की तरह ही आंशिक रूप से धनायन NH4+ और ऋणायन OH– में आयनित होता है। क्षारक आयनन की साम्यावस्था को क्षारक आयनन स्थिरांक कहते हैं। इसे Kb से प्रदर्शित करते हैं।
Kb = \frac{[NH_4^+] [OH^-]}{[NH_4OH]}
कुछ दुर्बल क्षारकों के आयनन स्थिरांक
क्षारक | आयनन स्थिरांक Kb |
डाइमेथिल ऐमीन (CH3)2NH | 5.4 × 10-4 |
ट्राईएथिल ऐमीन (C2H5)3N | 6.45 × 10-5 |
पिरिडीन C6H5N | 1.77 × 10-9 |
यूरिया CO(NH2)2 | 1.3 × 10-14 |
एनिलीन C6H5NH2 | 4.27 × 10-10 |
Note – यदि अम्ल की प्रारंभिक सांद्रता = C
अम्ल के आयनन की मात्रा = α है तो
अम्ल का आयनन स्थिरांक \footnotesize \boxed { K_a = \frac{Cα^2}{1 - α} }
Note – यह लेख खासकर कक्षा 11 के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। अगर आप के हिसाब से इसमें कोई कमी है तो इसका हमें खेद है।
Sir ji