कार्बनिक यौगिकों में कार्बन के अतिरिक्त अन्य तत्व जैसे – हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हैलोजन तथा सल्फर आदि तत्वों में से कोई एक तत्व या एक से अधिक तत्व विद्यमान होते हैं। किसी भी कार्बनिक यौगिकों की पहचान करने के लिए उसमें उपस्थित तत्वों की पहचान करना आवश्यक है।
कार्बनिक यौगिक का वर्गीकरण
कार्बनिक यौगिकों को उनकी संरचना के आधार पर निम्न प्रकार से वर्गीकरण किया गया है।
1. खुली श्रृंखला यौगिक
वह कार्बनिक यौगिक जिनमें कार्बन परमाणुओं की खुली श्रृंखला होती है। उन कार्बनिक यौगिकों को खुली श्रंखला यौगिक कहते हैं। इन्हें एलिफेटिक यौगिक भी कहते हैं। जैसे – मेथेन, एथेन, प्रोपेन, प्रोपिलीन तथा एसिटिलीन आदि।
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2. बंद श्रृंखला यौगिक
वह कार्बनिक यौगिक जिनमें कार्बन परमाणुओं की बंद श्रृंखला होती है। उन कार्बनिक यौगिकों को बंद श्रंखला यौगिक या चक्रीय यौगिक कहते हैं।
इन्हें दो भागों में वर्गीकृत किया गया है।
(i) समचक्रीय यौगिक
(ii) विषमचक्रीय यौगिक
(i) समचक्रीय यौगिक
वह यौगिक जिनमें वलय केवल कार्बन परमाणुओं का बना होता है। उन यौगिकों को समचक्रीय यौगिक कहते हैं। इन्हें कार्बोचक्रीय यौगिक भी कहते हैं। इन्हें दो वर्गों में वर्गीकृत किया गया है।
(a) एलिसाइक्लिक यौगिक
(b) एरोमैटिक यौगिक
(a) एलिसाइक्लिक यौगिक
वह यौगिक जिनमें कार्बन परमाणु जोड़कर एक समचक्रीय वलय बनाते हैं। उन्हें एलिसाइक्लिक यौगिक कहते हैं। तथा इन यौगिकों को एलिफेटिक चक्रीय यौगिक भी कहते हैं। क्योंकि इनके गुण एलिफेटिक यौगिकों के गुणों से समानता प्रदर्शित करते हैं।
जैसे – साइक्लोप्रोपेन, साइक्लोहेक्सेन तथा साइक्लोहेक्सीन आदि।
(b) एरोमैटिक यौगिक
बेंजीन तथा अन्य चक्रीय यौगिक जो बेंजीन से रसायनिक व्यवहार में समानता प्रदर्शित करते हैं उन्हें एरोमैटिक यौगिक कहते हैं।
जैसे – बेंजीन, टॉलूईन, एनिलीन, फिनोल तथा क्लोरोबेंजीन आदि।
(ii) विषमचक्रीय यौगिक
वह बंद श्रृंखला यौगिक जिनकी वलय (रिंग) में कार्बन परमाणुओं के अलावा अन्य परमाणु भी जुड़े होते हैं। उन यौगिकों को विषमचक्रीय यौगिक कहते हैं।
जैसे – पिरीडीन, फ्यूरैन तथा थायोफीन आदि।