इससे पिछले लेख में हमने विलेयता और विलेयता गुणनफल क्या है इसके बारे में पूर्ण रूप से अध्ययन किया था।
इस लेख में हम सम आयन प्रभाव क्या है इसकी उदाहरण सहित व्याख्या करेंगे। एवं इसके अनुप्रयोग की भी चर्चा करेंगे।
सम आयन प्रभाव
साधारणतः दो विद्युत अपघट्यों में जो आयन समान होता है। उसे सम आयन कहते हैं। जब किसी दुर्बल विद्युत अपघट्य के विलयन में सम आयन वाला दूसरा प्रबल विद्युत अपघट्य मिलाया जाता है। तो इससे दुर्बल विद्युत अपघट्य की आयनन की मात्रा घट जाती है। सम आयन के इस प्रभाव को सम आयन प्रभाव (common ion effect in Hindi) कहते हैं।
सम आयन प्रभाव के उदाहरण
1. सोडियम एसीटेट (CH3COONa) की उपस्थिति में एसीटिक अम्ल (CH3COOH) की आयनन की मात्रा घट जाती है।
CH3COONa \rightleftharpoons Na+ + CH3COO–
तथा CH3COOH \rightleftharpoons H+ + CH3COO–
इसमें एसीटेट आयन CH3COO– सम आयन है। क्योंकि CH3COOH एक दुर्बल विद्युत अपघट्य है। तथा CH3COONa एक प्रबल विद्युत अपघट्य है। अतः दुर्बल विद्युत अपघट्य CH3COOH के विलयन में सम आयन वाला प्रबल विद्युत अपघट्य CH3COONa मिलाने पर CH3COOH की आयनन की मात्रा घट जाती है यही सम आयन प्रभाव है।
2. अमोनियम क्लोराइड NH4Cl की उपस्थिति में अमोनियम हाइड्रोक्साइड NH4OH की आयनन की मात्रा घट जाती है। यहां अमोनियम आयन NH4+ सम आयन है।
पढ़ें… विलेयता और विलेयता गुणनफल क्या है समझाइए, संबंध, अनुप्रयोग, अंतर, Ksp
सम आयन प्रभाव के अनुप्रयोग
सम आयन प्रभाव गुणात्मक विश्लेषण में अत्यधिक उपयोगी है।
जैसे – द्वितीय वर्ग में HCl प्रबल अम्ल की उपस्थिति में हाइड्रोजन सल्फाइड H2S दुर्बल अम्ल की आयनन की मात्रा घट जाती है। तथा इसमें हाइड्रोजन आयन H+ सम आयन है।
ठीक इसी प्रकार तृतीय वर्ग अमोनियम क्लोराइड NH4Cl लवण की उपस्थिति में अमोनियम हाइड्रोक्साइड NH4OH दुर्बल अम्ल की आयनन की मात्रा घट जाती है। यहां अमोनियम आयन NH4+ सम आयन है।
आशा करते हैं कि सम आयन प्रभाव क्या है इससे संबंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपका इससे संबंधित कोई प्रश्न है। तो आप हमें सीधे ई-मेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं हम जल्द ही आपके प्रश्न का जवाब देने की कोशिश करते हैं।