विस्थापन धारा किसे कहते हैं | सूत्र, मात्रक | displacement current in hindi

विस्थापन धारा

जब किसी परिपथ में समय के साथ परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न धारा का विस्थापन धारा (displacement current in hindi) कहते हैं इसे id द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

एंपीयर का परिपथी नियम से, किसी बंद लूप के लिए चुंबकीय क्षेत्र का रेखीय समाकल उस लूप द्वारा घेरे गए क्षेत्रफल से होकर गुजरने वाले कुल धारा का µ0 गुना होता है अतः
\oint \overrightarrow{B}•\overrightarrow{dℓ} = µ0i

\int समाकलन तथा \oint रेखीय समाकल को निरूपित करता है तथा µ0 निर्वात की चुंबकशीलता है।

विस्थापन धारा का सूत्र

एम्पीयर मैक्सवेल के नियम से
परिपथ की कुल धारा, सदैव चालन धारा ic धारा विस्थापन धारा id के योग के बराबर होती है। अर्थात्
i = ic + id
जहां id को विस्थापन धारा कहते हैं। तो
i = ic + \large ε_0 \frac{dϕ_E}{dt}

विस्थापन धारा की आवश्यकता

विद्युत चुंबकीय प्रेरण द्वारा ज्ञात किया गया कि विद्युत धारा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। एवं इसके विपरीत समय के साथ परिवर्तनशील चुंबकीय क्षेत्र द्वारा विद्युत क्षेत्र उत्पन्न किया जाता है।
वैज्ञानिक मैक्सवेल ने परिवर्तनशील धारा से जुड़े संधारित्र के बाहरी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात करने के लिए एंपीयर का परिपथ नियम प्रयोग किया। तथा परिपथ के बाहर एक अतिरिक्त धारा के अस्तित्व की परिकल्पना की। इस धारा को विस्थापन धारा का नाम दिया गया।

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विस्थापन धारा संबंधित प्रश्न

• आकाश में 6 × 109 हर्ट्स आवृत्ति की विद्युत चुंबकीय तरंग की तरंगदैर्ध्य होगी?
हल – आकाश में विद्युत चुंबकीय तरंग प्रकाश की चाल से चलती है
तो तरंगदैर्ध्य का सूत्र C = vλ
तरंगदैर्ध्य λ = v/C
जहां v तरंग की आवृत्ति है
तरंगदैर्ध्य λ = 6 × 109/3 × 108
तरंगदैर्ध्य λ = 2 × 10
\footnotesize \boxed { λ = 20 मीटर }
अतः विद्युत चुंबकीय तरंग की तरंगदैर्ध्य 20 मीटर होगी।


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