एंथैल्पी और एंट्रॉपी की परिभाषा क्या है, एंथैल्पी परिवर्तन किसे कहते हैं मात्रक, सिद्धांत

प्रस्तुत लेख के अंतर्गत हम एंथैल्पी क्या है इसकी परिभाषा तथा इसके विभिन्न प्रकार को उदाहरण सहित वर्णित करेंगे। एवं एंट्रॉपी किसे कहते हैं इसकी भी चर्चा करेंगे, तथा एंथैल्पी परिवर्तन पर भी प्रकाश डालते हैं।

एंथैल्पी

स्थिर दाब पर किसी निकाय में ऊष्मा परिवर्तनों को मापने के लिए नए ऊष्मागतिकी फलन का प्रयोग किया जाता है। जिसे एंथैल्पी (enthalpy in Hindi) कहते हैं। एंथैल्पी को H द्वारा दर्शाया जाता है।
\footnotesize \boxed { H = U + pV }
जहां U आंतरिक ऊर्जा तथा pV यांत्रिक प्रसरण कार्य है।
अतः दूसरे शब्दों में, स्थिर दाब पर किसी निकाय की एंथैल्पी H, आंतरिक ऊर्जा U तथा pV ऊष्मा के योग के बराबर होती है।
Note – एंथैल्पी एक अवस्था फलन है इसका निरपेक्ष मान ज्ञात नहीं किया जा सकता।

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एंट्रॉपी

ऊष्मागतिकी अवस्था राशि या निकाय में अणुओं की अनियमितता की माप को एंट्रॉपी (entropy in Hindi) कहते हैं।
ताप बढ़ाने पर एंट्रॉपी का मान बढ़ जाता है। क्योंकि ताप बढ़ाने पर पदार्थ के अणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। जिसके कारण अणुओं की गतिशीलता भी बढ़ जाती है और और अणुओं की अव्यवस्था में वृद्धि हो जाती है इसके फलस्वरूप ताप के बढ़ने पर एंट्रॉपी का मान बढ़ जाता है।

एंथैल्पी परिवर्तन

स्थिर दाब पर एंथैल्पी परिवर्तन इस प्रकार होगा
∆H = ∆ U + ∆(pV)
चूंकि p एक स्थिरांक है तब इस समीकरण को इस प्रकार भी लिख सकते हैं।
\footnotesize \boxed { ∆H = ∆U + p∆V }
अतः जब स्थिर दाब पर ऊष्मा अवशोषित होती है तो यथार्थ में हम एंथैल्पी में परिवर्तन का मापन कर रहे होते हैं।

एंथैल्पी परिवर्तन \footnotesize \boxed { ∆H = q_p } स्थिर ताप पर अवशोषित ऊष्मा है।
अतः स्थित दाब पर ऊष्मा परिवर्तन को माप कर किसी भी प्रक्रम में एंथैल्पी परिवर्तन को मापा जा सकता है।

Note – ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया के लिए एंथैल्पी परिवर्तन ∆H ऋणात्मक होता है। चूंकि अभिक्रिया के दौरान ऊष्मा उत्सर्जित होती है। एवं ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं के लिए एंथैल्पी परिवर्तन ∆H धनात्मक होता है। चूंकि परिवेश से ऊष्मा का अवशोषण होता है।

विभिन्न प्रकार की अभिक्रियाओं के लिए एंथैल्पी

1. मानक दहन एंथैल्पी

दहन अभिक्रिया प्रकृति में ऊष्माक्षेपी होती हैं यह किसी पदार्थ की प्रति मोल वह एंथैल्पी परिवर्तन है। जो पदार्थ के दहन के फलस्वरुप होता है जब समस्त अभिकारक तथा उत्पाद एक विशिष्ट ताप पर अपने मानक अवस्था में होते हैं।
उदाहरण –
C4H10(g) + 13/2O2(g) \longrightarrow 4CO2(g) + 5H2O(ℓ) ∆cH° = -2658 KJ/mol

2. कणन एंथैल्पी

गैसीय अवस्था में किसी भी पदार्थ के एक मोल में उपस्थित आबंधो को पूर्णतः तोड़कर परमाणुओं में बदलने पर होने वाले एंथैल्पी परिवर्तन को कणन एंथैल्पी कहते हैं। इसे ∆aH° द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
उदाहरण –
(1) H2(g) \longrightarrow 2H(g)   ∆aH° = 435.0 KJ/mol
(2) CH4(g) \longrightarrow C(g) + 4H(g)   ∆aH° = 1665 KJ/mol

3. संभवन एंथैल्पी

जब अभिकारक तत्व और निर्मित उत्पाद सभी मानक अवस्था में होते हैं तो रसायनिक अभिक्रिया के साथ होने वाले एंथैल्पी परिवर्तन को मानक संभवन एंथैल्पी कहते हैं। इसे ∆fH° द्वारा दर्शाया जाता है।
उदाहरण –
C(s) + O2(g) \longrightarrow CO2(g)   ∆fH° = -393.5 KJ/mol

4. उदासीनीकरण एंथैल्पी

किसी अम्ल की एक ग्राम तुल्यांक को किसी क्षार की एक ग्राम तुल्यांक से उनके तनु विलयनों में पूर्णता उदासीन करने के फलस्वरुप जो ऊष्मा की मात्रा निर्मुक्त होती है यह ऊष्मा की मात्रा अम्ल व क्षार की उदासीनीकरण एंथैल्पी कहलाती है। प्रबल अम्ल की प्रबल क्षार के साथ उदासीनीकरण एंथैल्पी सदैव स्थिर होती है।
उदाहरण –
H+(aq) + OH(aq) \longrightarrow H2O(ℓ)   ∆H = -57 KJ/mol

5. विलयन एंथैल्पी

किसी पदार्थ की विलयन एंथैल्पी वह एंथैल्पी परिवर्तन है जो इसके एक मोल को विलायक की निर्दिष्ट मात्रा में घोलने पर होता है। अनंत तनुता पर पदार्थ को विलायक की अनंत मात्रा में घोला जाता है। जबकि विलेय के अणुओं के मध्य अन्योन्य क्रिया नगण्य हो तो एंथैल्पी परिवर्तन को विलयन एंथैल्पी कहते हैं। इसे ∆solH° द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
उदाहरण –
HCl(g) + 10H2O(ℓ) \longrightarrow HCl·10H2O   ∆solH° = -69.5 KJ/mol


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