इससे पिछले लेखों में हमने परमाणु संरचना पाठ के कई टॉपिक पढ़ चुके हैं
जैसे-
• परमाणु का थॉमसन मॉडल
• नील बोर का परमाणु मॉडल
• रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल
प्रस्तुत लेख के अंतर्गत हम मैक्स प्लांक क्वांटम सिद्धांत के बारे में चर्चा करेंगे।
मैक्स प्लांक क्वांटम सिद्धांत
इस सिद्धांत के अनुसार, विद्युत चुंबकीय विकरणों का उत्सर्जन (अवशोषण) सतत न होकर ऊर्जा के छोटे-छोटे पैकटों अथवा बंडलों के रूप में होता है। इन ऊर्जा के पैकेटों को फोटोन या क्वांटम कहते हैं। एवं इस सिद्धांत को मैक्स प्लांक का क्वांटम सिद्धांत (Max planck Quantum theory in Hindi) कहते हैं।
इस सिद्धांत के प्रमुख तथ्य निम्न प्रकार से हैं।
• ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन ऊर्जा के छोटे-छोटे पैकेटों के रूप में होता है।
• प्रत्येक फोटोन (क्वांटम) की ऊर्जा E तथा आवृत्ति v (न्यू) होती है जो उसकी ऊर्जा के समानुपाती होती है।
E ∝ v
E = hv
जहां h एक नियतांक है। जिसे प्लांक नियतांक कहते हैं प्लांक नियतांक का मान 6.6 × 10-34 जूल-सेकंड होता है। इसका मात्रक जूल-सेकंड होता है एवं विमीय सूत्र [ML2T-1] होता है। आते प्रत्येक फोटोन की ऊर्जा hv होती है।
चूंकि हम जानते हैं कि
प्रकाश की चाल C = vλ
तो v = \frac{C}{λ}
तब फोटोन की ऊर्जा E = hv
v का मान रखने पर
फोटोन की ऊर्जा \footnotesize \boxed { E = \frac{hC}{λ} }
जहां C = प्रकाश की चाल 3 × 108 मीटर/सेकंड
λ = प्रकाश की तरंगदैर्ध्य
v = प्रकाश की आवृत्ति
E = फोटोन की आवृत्ति
h = प्लांट नियतांक
किसी वस्तु के द्वारा आवेशित अथवा उत्सर्जित ऊर्जा की मात्रा का मान एक क्वांटम (फोटोन) के पूर्ण गुणज होता है। अर्थात् ऊर्जा का मान 1v , 2v , 3v होता है।
Note – कई जगह फोटोन तो कहीं क्वांटा तो कहीं क्वांटम प्रयोग होता है। लेकिन यह तीनों नाम एक जैसे ही हैं। NCERT Book में क्वांटम नाम का प्रयोग किया गया है इसलिए हमने भी यहां क्वांटम नाम ही प्रयोग किया है।
क्वांटम यांत्रिकी का आज अनेक उपकरणों में प्रयोग किया जाता है। जैसे – लेजर, चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI), ट्रांजिस्टर, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप आदि।
आशा करते हैं कि प्लांट के क्वांटम सिद्धांत से संबंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपका इससे संबंधित कोई सुझाव या समस्या है तो आप हमें कमेंट की सहायता से जरूर बताएं हम जल्द ही आपकी समस्या का समाधान कर देंगे।