ऑक्सीकरण संख्या क्या है, परिभाषा और संयोजकता में अंतर ज्ञात करना, लिस्ट पीडीएफ

ऑक्सीकरण संख्या क्या होती है और इसे किस प्रकार ज्ञात किया जाता है इसी को आज इस लेख में समझते हैं। ऑक्सीकरण संख्या का उपयोग उपसहसंयोजक यौगिकों के आईयूपीएसी नामकरण में तथा अन्य विभिन्न कार्यों में प्रयोग किया जाता है।

ऑक्सीकरण संख्या

किसी यौगिक में तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या (oxidation number in Hindi) उसकी ऑक्सीकरण अवस्था को प्रदर्शित करती है। अर्थात् किसी तत्व के परमाणु की संयुक्त अवस्था में उसके ऊपर आवेश को दर्शाने वाली संख्या को ऑक्सीकरण संख्या कहते हैं। भिन्न-भिन्न तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या में भिन्न-भिन्न होती हैं। ऑक्सीकरण संख्या में + और – चिन्ह प्रयोग किए जाते हैं अर्थात् तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या धनात्मक व ऋणात्मक हो सकती हैं।

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ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात करना

ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।
1. यदि किसी अणु या आयन में किसी तत्व के दो या दो से अधिक परमाणु उपस्थित हैं तो वह उस तत्व की ऑक्सीकरण संख्या, उसके सभी परमाणुओं की ऑक्सीकरण संख्या की औसत होगी।
2. तत्वों के स्वतंत्र या असंयुक्त दशा में प्रत्येक परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है। जैसे H2, O2, Cl2, O3, P4, Na आदि।
3. हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या +1 होती है। जब धातुएं हाइड्रोजन से द्विअंगी यौगिक बनाती हैं। तब हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या 1 होती है जैसे NaH और CaH2
4. केवल एक परमाणु वाले आयनों में परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या, आयन में उपस्थित आवेश के मान के बराबर होती है। जैसे –
Na+ आयन की ऑक्सीकरण संख्या = +1
Mg2+ आयन की ऑक्सीकरण संख्या = +2
Cl आयन की ऑक्सीकरण संख्या = -1
Fe3+ आयन की ऑक्सीकरण संख्या = +3

5. ब्रोमीन, क्लोरीन तथा आयोडीन जब ऑक्सीजन से संयोजित होते हैं तब इनकी ऑक्सीकरण संख्या धनात्मक होती है।

Note – एक यौगिक में किसी तत्व की ऑक्सीकरण संख्या शून्य है। तो इसका तात्पर्य यह है कि उस तत्व के परमाणु पर कोई धन या ऋण आवेश नहीं है अर्थात् परमाणु विद्युत उदासीन है।

+1 तथा -1 ऑक्सीकरण संख्या

जब तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या +1 होती है तब इसका तात्पर्य यह है कि उस तत्व के परमाणु पर इकाई धन आवेश है। जिसको उदासीन करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की आवश्यकता पड़ती है।
जब तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या -1 होती है तब इसका तात्पर्य यह होता है कि उस तत्व के परमाणु पर इकाई ऋण आवेश उपस्थित है जिसे उदासीन करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन का त्याग करने की जरूरत होती है।

ऑक्सीकरण संख्या तथा संयोजकता में अंतर

किसी तत्व की ऑक्सीकरण संख्या + और – चिन्हों द्वारा व्यक्त की जाती है। जबकि संयोजकता में + और – चिन्ह प्रयोग नहीं होते हैं।
ऑक्सीकरण संख्या भिन्नात्मक होती है। जबकि संयोजकता सदैव पूर्ण संख्या ही होती है।


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