अम्ल और क्षार किसे कहते हैं। इसके बारे में हम पिछले लेख में पढ़ चुके हैं प्रस्तुत लेख के अंतर्गत हम लवण किसे कहते हैं इसकी परिभाषा उदाहरण सहित समझाइए। तथा इसके प्रकार आदि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
लवण
वह यौगिक जिसके रसायनिक संगठन में अम्लीय तथा क्षारीय दोनों प्रकार के मूलक पाएं जाते हैं तो उसे लवण (salt in Hindi) कहते हैं।
लवणों के कुछ सामान्य उदाहरण – सोडियम क्लोराइड (NaCl), बेरियम सल्फेट, सोडियम नाइट्रेट आदि हैं।
सोडियम क्लोराइड NaCl, अम्ल HCl तथा धारक NaOH की आपस में अभिक्रिया कराने पर बनता है।
\scriptsize \begin{array}{rcl} HCl \\ अम्ल \end{array} \scriptsize \begin{array}{rcl} NaOH \\ क्षारक \end{array} \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} NaCl \\ लवण \end{array} \scriptsize \begin{array}{rcl} H_2O \\ जल \end{array}
पढ़ें… अम्ल और क्षार किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए, परिभाषा, रासायनिक गुण
Note – लवण को इस प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है। कि किसी अम्ल तथा क्षार की उदासीनीकरण अभिक्रिया के पश्चात प्राप्त आयनिक पदार्थों को लवण कहते हैं जैसे –
\scriptsize \begin{array}{rcl} NH_3 \\ क्षारक \end{array} \scriptsize \begin{array}{rcl} HCl \\ अम्ल \end{array} \longrightarrow \scriptsize \begin{array}{rcl} NH_4Cl \\ लवण \end{array}
लवण के प्रकार
लवण तीन प्रकार के होते हैं
1. सरल लवण
2. द्विक लवण
3. संकर लवण
1. सरल लवण
किसी अम्ल की क्षारक से अभिक्रिया कराने पर जो लवण बनते हैं। उन्हें सरल लवण कहते हैं। यह तीन प्रकार के होते हैं।
(i) सामान्य लवण
(ii) अम्लीय लवण
(iii) क्षारीय लवण
(i) सामान्य लवण – वह लवण जिनके विस्थापनीय H+ या OH– नहीं होते हैं। उन्हें सामान्य लवण कहते हैं।
जैसे – NaCl, KNO3, Na3PO4 आदि।
(ii) अम्लीय लवण – वह लवण जिनमें एक या अधिक विस्थापनीय H+ होते हैं। तो उन्हें अम्लीय लवण कहते हैं।
जैसे NaHSO4, NaHCO3, NaHS आदि।
(iii) क्षारीय लवण – वह लवण जिनमें एक या अधिक विस्थापनीय OH– होते हैं। तो उन्हें अम्लीय लवण कहते हैं।
जैसे – Zn(OH)Cl, Mg(OH)Cl, Fe(OH)2Cl आदि।
2. द्विक लवण
वह लवण जो दो सरल लवणों के जलीय विलयन के वष्पीकरण से प्राप्त होता है। तो उन्हें द्विक लवण कहते हैं। इन लवणों का अस्तित्व केवल ठोस अवस्था में ही होता है। विलयन में नहीं। द्विक लवण में सरल लवणों का अनुपात निश्चित होता है।
उदाहरण – पोटाश एलम (फिटकिरी) [K2SO4·Al2(SO4)3·24H2O] तथा फेरस अमोनियम सल्फेट [FeSO4·(NH4)2·6H2O] आदि द्विक लवण के उदाहरण हैं।
3. संकर लवण
वह लवण जिनमें आयन अथवा उदासीन अणु किसी धात्वीय धनायन के साथ उपसहसंयोजन बंद बनाते हैं तो उन्हें संकर लवण कहते हैं। यह लवण जल में वियोजित होकर संकर आयन देते हैं तथा संकर लवणों का अस्तित्व ठोस तथा विलयन दोनों अवस्थाओं में होता है।
उदाहरण – पोटैशियम फेरोसायनाइड K2[Fe(CN)6], टेट्राऐम्मीन कॉपर II सल्फेट [Cu(NH3)4]SO4 तथा सोडियम अर्जेंटोसायनाइड Na[Ag(CN)2] आदि संकर लवण के उदाहरण हैं।
Note – यह लेख खासकर कक्षा 11 के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। अगर आपको कोई परेशानी है तो आप हमें कमेंट के ईमेल के माध्यम से बता सकते हैं।
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