वृत्ताकार धारावाही कुण्डली की अक्ष के अनुदिश चुंबकीय क्षेत्र
माना r त्रिज्या की एक वृत्ताकार धारावाही कुंडली है। जिसमें i धारा प्रवाहित हो रही है। माना धारावाही कुंडली की अक्ष पर एक कुंडली के केंद्र O से r दूरी पर एक बिंदु P है। जिस पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है।
मना कुंडली छोटे-छोटे अल्पांशो से मिलकर बनी है। बिंदु P पर चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात करने के लिए कुंडली के एक अल्पांश (छोटे भाग) की लंबाई dℓ लेते हैं। तो इस अल्पांश के कारण बिंदु P पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
बायो सेवर्ट के नियम से
dB = \large \frac{µ_0}{4π} \frac{idℓsinθ}{a^2}
परंतु अल्पांश dℓ तथा त्रिज्या r के बीच कोण θ = 90° है तो
dB = \large \frac{µ_0}{4π} \frac{idℓ}{a^2} समी. (sin90° = 1)
चुंबकीय क्षेत्र dB को तथा क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर घटकों में वियोजित करने पर ऊर्ध्वाधर घटक dℓBcosθ निरस्त हो जाएंगे
चूंकि θ = 90° तो cos90° = 0
इसलिए dB = 0
जबकि क्षैतिज घटक dℓBsinθ जुड़ जाएंगे। अतः संपूर्ण कुंडली के कारण बिंदु P पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
B = \large \oint dℓBsinθ
अब समी. से dB का मान रखने पर
B = \large \oint \frac{µ_0}{4π} \frac{idℓsinθ}{a^2}
B = \large \oint \frac{µ_0}{4π} \frac{idℓ}{a^2} × \frac{r}{a} ( चूंकि sinθ = \large \frac{लम्ब}{कर्ण} = \large \frac{r}{a} )
B = \large \frac{µ_0}{4π} \frac{ir}{a^3} \oint dℓ
कुण्डली की लंबाई \large \oint dℓ = 2πr
तथा a2 = r2 + x2 या a = (r2 + x2)1/2
अब B = \large \frac{µ_0}{4π} \frac{ir}{a^3} × 2πr
B = \large \frac{µ_0}{2} \frac{ir^2}{(r^2+x^2)^{3/2}}
या \footnotesize \boxed { B = \frac{µ_0ir^2}{2(r^2+x^2)^{3/2}} }
धारावाही कुंडली के केंद्र पर x = 0
तब चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
B = \large \frac{µ_0ir^2}{2(r^2+0^2)^{3/2}}
B = \large \frac{µ_0ir^2}{2r^3}
\footnotesize \boxed { B = \frac{µ_0i}{2r} }
यदि कुंडली में N फेरे हैं तब चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
\footnotesize \boxed { B = \frac{µ_0Ni}{2r} } टेस्ला
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