वान डी ग्राफ जनित्र की कार्यविधि :-
जब निचले कंघे C1 को अति उच्च विभव दिया जाता है। तो तीक्ष्ण बिंदुओं की क्रिया के परिणाम स्वरूप कंघा C2 , विभव के स्थान पर आयन उत्पन्न करता है। धन-आयनों और कंघे C1 के बीच प्रतिकर्षण के कारण ये धन-आयन बिना सिरे वाली रबड़ की बैल्ट पर चले जाते हैं।